चीन की शह पर अमेरिका से रूठ गया पाकिस्तान, बातचीत बंद

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। इन दिनों चीन की शह पाकर इतरा रहा पाकिस्तान अब अमेरिका से भी रूठ गया है। उसने अमेरिका से बातचीत बंद कर दी है। पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने अमेरिका से सभी तरह की बातचीत फिलहाल बंद कर दी है। इसके अलावा पाकिस्तानी अफसरों के अमेरिका जाने पर भी रोक लगा दी गई है। फॉरेन मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को सीनेट की मीटिंग में इस बात की जानकारी दी। आसिफ ने इस मीटिंग में कहा कि उनका मुल्क अफगानिस्तान में भारत के मिलिट्री रोल को बर्दाश्त नहीं कर सकता। बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प पाकिस्तान को आतंकवादियों की पनाहगाह बताते हुए अफगानिस्तान में भारत की मदद मांगी थी। 

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को सीनेट की अहम मीटिंग में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों पर जानकारी दी। इस दौरान आसिफ ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका से सभी तरह की बातचीत रोक दी है। इसके अलावा पाकिस्तान के मंत्री या अफसर भी अमेरिकी दौरे पर नहीं जाएंगे।

खास बात ये है कि आसिफ को भी अगले हफ्ते अमेरिका जाना है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वो ये दौरा करते हैं या नहीं। अमेरिका इस बात से भी नाराज बताया जाता है कि आसिफ ने अमेरिकी दौरे की स्ट्रैटेजी बनाने के लिए पहले रूस और चीन जाने का प्लान बनाया। आसिफ ने खुद ये मीडिया से कहा था कि वो अमेरिका की साउथ एशिया पॉलिसी पर अपने फ्रेंडली नेशंस से बातचीत करना चाहते हैं। अमेरिका ने इसे दबाव बनाने की चाल माना।

भारत से दिक्कत
सीनेट की जिस मीटिंग में आसिफ ने अमेरिका से रिश्तों की जानकारी दी, उसकी बाकायदा वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। मीटिंग में आसिफ ने अमेरिका की साउथ एशिया पॉलिसी का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका भारत को अफगानिस्तान में बड़ा मिलिट्री रोल दे रहा है और पाकिस्तान ये कभी मंजूर नहीं करेगा कि भारत अफगानिस्तान में मिलिट्री लेवल पर मजबूत हो। अासिफ ने ये भी कहा कि भारत अफगानिस्तान के इकोनॉमिक डेवलपमेंट में बड़ी मदद कर रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प कई बार भारत से अपील कर चुके हैं कि वो अफगानिस्तान के इकोनॉमिक डेवलपमेंट में बड़ा रोल प्ले करे। पाकिस्तान के फॉरेन मिनिस्टर ने मीटिंग मे ये भी कहा कि भारत अफगानिस्तान का इस्तेमाल पाकिस्तान को तबाह करने के लिए करना चाहता है।

अमेरिकी फंड की जानकारी दे सरकार
मीटिंग के दौरान कई सीनेटर सरकार पर दबाव बनाते नजर आए। इन सांसदों ने कहा कि सरकार ये बताए कि 9/11 हमले के बाद से अब तक अमेरिका ने पाकिस्तान को कितनी आर्थिक मदद दी। और पाकिस्तान को अब तक आतंकवाद के खिलाफ जंग में कितना नुकसान हुआ। इस बारे में फैक्टशीट जारी करने की मांग की गई।

पाकिस्तान की क्या तैयारी
इस मीटिंग में पाकिस्तान की फॉरेन सेक्रेटरी तहमीना जंजुआ भी मौजूद थीं। तहमीना ने सांसदों को बताया कि अमेरिका की नई साउथ एशिया पॉलिसी पर डिस्कशन के लिए 5 से 7 सितंबर तक पाकिस्तान के सभी एम्बेसेडर्स की मीटिंग बुलाई गई है। इस मीटिंग में अमेरिका को लेकर नई पॉलिसी बनाई जाएगी। पाकिस्तान सरकार सीनेट में भी बयान के जरिए अपनी अमेरिका पॉलिसी बता सकती है। अपोजिशन इसकी मांग भी कर रही है।
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