
याचिका में कह गया है कि बच्चों की मां राम कांति की लेबर का काम करते हुए 18 अगस्त 2010 को तीसरी मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद पति व तीन बच्चों ने मुआवजे के लिए द एम्पलॉय कंपनसेशन एक्ट के सेक्शन 30 के तहत याचिका दाखिल की।
क्लेम कमिश्नर ने इस याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि हिंदू संयुक्त परिवार की परिभाषा में बच्चे केवल पिता पर आश्रित होते हैं। बच्चों के पिता उसी साइट पर काम करते थे और राम, कांति से कहीं अधिक कमाते थे, ऐसे में बच्चे मां पर आश्रित नहीं हैं।
हाई कोर्ट ने याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए महिला के पति की याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन तीन बच्चे कपिल, नेहा और लक्ष्मी की अपील को मंजूर कर लिया। इन तीनों को मुआवजे के लिए योग्य मानते हुए हाई कोर्ट ने मामला क्लेम कमिश्नर को वापस भेजते हुए मुआवजा निर्धारित करने के आदेश दिए हैं।