इस किताब में थे कुछ ऐसे राज, रामदेव कोर्ट जा पहुंचे, रोक लगवाई

नई दिल्ली। जहां जहां लिखापढ़ी की बात आती है बाबा रामदेव अक्सर पीछे हट जाते हैं। यहां तक कि बाबा रामदेव के नाम से देश की सबसे सफल बन चुकी पतंजलि आयुर्वेद कंपनी तक में बाबा रामदेव प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता नहीं है लेकिन एक किताब 'गॉडमैन टू टाइकून' में ऐसा कुछ था कि बाबा रामदेव तिलमिला उठे। वो कोर्ट की शरण में जा पहुंचे। कोर्ट ने फैसला होने तक किताब की बिक्री एवं छपाई पर रोक लगा दी है। योग गुरु बाबा रामदेव के जीवन पर लिखी गई किताब 'गॉडमैन टू टाइकून' की बिक्री एवं प्रकाशन पर दिल्ली की जिला अदालत कड़कड़डूमा ने रोक लगा दी है। आरोप है कि इस किताब में बाबा रामदेव के जीवन को गलत तरीके से पेश किया गया है। 

बाबा रामदेव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एडिशनल सीनियर सिविल जज निपुण अवस्थी ने प्रकाशक 'जगरनॉट बुक्स पब्लिकेशन' को आदेश दिया है कि वह किताब की बिक्री और प्रकाशन पर तत्काल रोक लगाएं। आदेश लागू होने से पहले भी यदि कोई किताब खरीदने की इच्छा जाहिर कर चुका है तो उसे भी किताब न दी जाए और वेबसाइट से भी यह किताब हटाई जाए। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए एक सितंबर की तारीख तय की है।

उधर, बाबा रामदेव की ओर से पेश हुए वकील प्रमोद नागर ने बताया कि लेखिका प्रियंका पाठक नारायण की किताब में बाबा रामदेव के जीवन को गलत तरीके से पेश किया गया है। इससे बाबा रामदेव जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचेगा। किताब में लेखिका ने 40 व्यक्तियों का जिक्र किया है, जिन्होंने बाबा रामदेव की बहुत मदद की है। लेकिन, एक के बाद एक करके वे व्यक्ति संदिग्ध हालत में लापता होते गए। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने माना कि यह किताब पढ़ने के बाद पाठकों की नजर में बाबा रामदेव की छवि खराब होगी। इसलिए बिक्री और प्रकाशन पर रोक लगाई गई।

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