
कुछ सालों में यह संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन पेनकार्ड बनवाने के बाद बड़ी संख्या में लोग आयकर विभाग को रिटर्न ही जमा कराने से बचते हैं। सूत्र बताते हैं कि भोपाल और आसपास के जिलों में करीब 60 हजार ऐसे पेनकार्डधारी हैं, जिनके आयकर रिटर्न विभाग को मिल नहीं रहे हैं। इन्हें विभाग ने नोटिस जारी कर दिए हैं।
भोपाल की टूटी सड़कें सुधारी जाएंगी
नगरनिगम भोपाल में गुरुवार को यांत्रिकी शाखा की बैठक में अपर आयुक्त वीके चतुर्वेदी ने सभी जोन के सिविल इंजीनियरों की बैठक बुलाई। इसमें नगर निगम के सभी 19 जोन की खराब सड़कों पर मंथन किया गया। निगम के सभी सहायक यंत्रियों ने अपने अपने जोन की खराब सड़कों का एस्टीमेट दिया। सभी जोन को मिलाकर करीब पांच करोड़ रुपए का एस्टीमेट तैयार किया गया है। औसतन 25 से 40 लाख रुपए खर्च करेगा। अपर आयुक्त चतुर्वेदी ने बताया कि जो सड़कें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं उनका निर्माण कराया जाएगा। बाकी कम खराब सड़कों के पेंचवर्क होंगे।
गारंटी पीरियड की सड़क पर असमंजस
हर बार की तरह इस बार भी निगम प्रशासन ने गारंटी पीरियड की सड़कों का चिन्हित नहीं कर सका है। इससे संबंधित ठेकेदार पेचवर्क से बच जाएंगे। पिछले साल महापौर आलोक शर्मा के निर्देश पर करीब 100 ठेकेदारों की गारंटी पीरियड की सड़कें खराब होना पाई गई थी। लेकिन फाइलें गुम होने का बहाना बनाकर ठेकेदारों के खर्च को बचा लिया गया था। इस साल भी अब तक गारंटी पीरियड वाले ठेकेदारों को चिन्हित नहीं किया गया। ऐसे में निगम को खुद ही अपनी राशि से मरम्मत कराना होगा।