40 हजार स्टूडेंट के फायदे की खबर: डिग्री के लिए आयुसीमा बंधन समाप्त होगा

पंकज तिवारी/जबलपुर। 8-10 साल पहले यूजी, पीजी की पढ़ाई बीच में छोड़ चुके मध्यप्रदेश के लगभग 40 हजार स्टूडेंट को दोबारा डिग्री पूरी करने का मौका मिल सकता है। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में टाइम लिमिट को सरकार खत्म करने की तैयारी कर रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी ने ऐसे प्रकरणों का ब्योरा तलब किया है। स्नातक कोर्स बीए, बीकॉम, बीएससी के अलावा अन्य प्रोफेशनल स्नातक कोर्स में अधिकतम 5 साल सीमा है। प्रवेश लेने से 5 साल के भीतर छात्र को सभी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। अवधि खत्म होने के बाद भी छात्र को यदि किसी प्रश्‍न पत्र में एटीकेटी आती है तो वह अयोग्य हो जाता है। उसे या तो बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ती है या फिर नए सिरे से पहले साल की परीक्षा में प्रवेश लेना पड़ता है। इसी तरह स्नातकोत्तर के लिए अधिकतम 3 साल लिमिट है। इसमें भी ऐसा ही नियम लागू है।

हजारों प्रकरण यूनिवर्सिटी में
उच्च शिक्षा विभाग के पास हजारों की तादाद में ऐसे आवेदन पहुंचे हैं जिसमें तय वक्त की वजह से डिग्री पूरी नहीं कर पाने की समस्या बनी हुई है। यूनिवर्सिटी के अधिनियम में सीमा दर्ज है इसलिए कोई भी इसमें फिलहाल बदलाव नहीं कर सकता है। रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में अकेले 9 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं। इसके अलावा बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल में 10 हजार के आसपास प्रकरण हैं।

लागू हुआ तो मिलेगा लाभ
टाइम लिमिट यदि खत्म होती है तो प्रदेश में अमूमन 40 हजार से ज्यादा पूर्व विद्यार्थियों को दोबारा डिग्री पूरी करने का लाभ मिलेगा। ये वो है जो किसी वजह से परीक्षा पास नहीं कर पाए और वक्त बीत गया या किसी कारण से आधी पढ़ाई छोड़ दी।

विश्वविद्यालय से ब्यौरा मांगा है, उसी के आधार पर होगी कार्यवाही
स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में टाइम लिमिट अभी लागू है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटी ने ऐसे मामलों का ब्योरा मांगा है, जिसके आधार पर आगामी कार्यवाही होगी। यदि लागू हुआ तो पिछली तारीख से लाभ मिलेगा। 
अजय प्रकाश खरे, ओएसडी, उच्च शिक्षा विभाग भोपाल
पत्रकार श्री पंकज तिवारी नईदुनिया में सेवाएं देते हैं। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !