
पता चला है कि वो बृहस्पतिवार से लापता थे और उनके ससुर ने दिल्ली के सरोजिनी नगर थाने में शाम को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गाजियाबाद में जीआरपी एसआई ने शव पड़ा देखा और सूचना अधिकारियों को दी। फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने ट्रेन से कूदकर सुसाइड किया या चलती ट्रेन के आगे कूदकर गए।

डीएम गाजियाबाद मिनिस्ती एस, एसएसपी एचएन सिंह और एसपी सिटी आकाश तोमर भी मौके पर पहुंचे। डीएम ने बताया कि रात 8:40 बजे पद्मावत एक्सप्रेस गुजरी थी, संभावना है कि उसी ट्रेन से कूदकर या उसके आगे आकर आत्महत्या की है। पुलिस की सूचना पर उनके सास, ससुर और पत्नी मौके पर पहुंचे थे।
व्हाट्सऐप पर किया ये मैसेज
डीएम ने मरने से पहले अपनी मौत की वजह एक वाट्सएप मैसेज के जरिए बताई। उन्होंने मैसेज में उन सब बातों का जिक्र किया जिसकी वजह से उन्हें ये दुनिया छोड़कर जानी पड़ी। दरअसल, अपनी मौत से पहले वाट्सएप करने वाले डीएम ने लिखा कि
'मैं जीवन से निराश हूं और मानवता से विश्वास उठ गया है। मेरा सुसाइड नोट दिल्ली के होटल लीला पैलेस में नाईक के बैग में रूम नंबर 742 में रखा है। उन्होंने आगे लिखा कि मैं आप सबसे प्यार करता हूं, कृपया मुझे माफ कर दें।'
तीन अगस्त को संभाला था डीएम का कार्यभार :
मुकेश पहली बार बक्सर के डीएम बने हैं। 2012 बैच के आइएएस अफसर मुकेश इससे पहले कटिहार के डीडीसी के पद पर कार्यरत थे। तीन अगस्त को ही उन्होंने बक्सर के डीएम का पद संभाला था। गुरुवार की सुबह मामा की तबीयत खराब होने की बात कहकर वह दिल्ली आए थे। बताया जा रहा है कि वह दिल्ली के एक होटल में रुके थे। वहां उनकी किसी बात को लेकर पत्नी व ससुर से कहासुनी हो गई थी। डीएम व एसएसपी गाजियाबाद समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। सुसाइड नोट में दर्ज सेलफोन नंबर उनके सास-ससुर के हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने एक दिन पहले ही मंडलायुक्त से अवकाश की अनुमति ले ली थी।
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में था 14 वां स्थान :
मुकेश मूल रूप से बिहार के सारण (छपरा) के रहने वाले थे। 2011 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देशभर में 14 वां स्थान हासिल किया था। बिहार कैडर मिलने के बाद मुकेश पांडेय की पहली पोस्टिंग गया में प्रशिक्षु आइएएस अफसर के पद पर हुई थी। उसके बाद उन्हें बेगूसराय के बलिया अनुमंडल का एसडीओ और फिर कटिहार का डीडीसी बनाया गया था।