ST, SC के साथ पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण चाहिए: अपाक्स

भोपाल। एसटी, एससी वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिले, लेकिन ओबीसी वर्ग को भी आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी चाहिए। सरकार जिस तरह एसटी, एससी को पदोन्नति में आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है उसी तरह ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिलाने की पहल करें। यह बात रविवार को महात्मा ज्योतिबा फुले भवन में आयोजित अपाक्स और मप्र पिछड़ा वर्ग अधिकारी, कर्मचारी संघ की संयुक्त बैठक में पदाधिकारियों ने कही। बैठक में प्रदेश भर की 35 पिछड़ी जाति के जिला अध्यक्ष और पिछड़ा, अल्प संख्यक वर्ग के अधिकारी, कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर अपाक्स के प्रदेश अध्यक्ष भुवनेश कुमार पटेल ने कहा कि सभी का विकास जरूरी हैं। ऐसा तब ही होगा, जब सरकार पिछड़ा वर्ग के लोगों को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी का अवसर देगी। इसके लिए सरकार को नौकरी और पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने के लिए ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिलाने की लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि 2003 में कांग्रेस सरकार ने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी किया था जिसे बाद में आई भाजपा सरकार द्वारा ठीक से पक्ष नहीं रखने के कारण हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। 

मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद के सरदार सिंह ने कहा कि सरकार को भर्ती परीक्षाओं के लिए गठित समितियों में ओबीसी वर्ग के एक-एक सदस्यों की नियुक्ति करनी चाहिए। पूर्व मंत्री राजमणि पटेल ने कहा कि राजनीति में हिस्सेदारी के लिए मिलकर काम करना होगा। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के ललित गौर ने कहा कि 15 फीसदी सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी आरक्षण और 85 फीसदी के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था गलत है इसमें बदलाव जरूरी है। मप्र पिछड़ा वर्ग अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामविश्वास कुशवाहा ने कहा कि सरकार को ओबीसी के आरक्षण के लिए भी लड़ाई लड़नी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखना चाहिए, ताकि पिछड़ों को भी पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिल सके।

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