
केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने शीर्ष अदालत से कहा कि ऐसी ही याचिका कोर्ट लंबित है जिसे मौजूदा याचिका के साथ जोड़ दिया जाए। याचिका में देश के मुख्य न्यायाधीश की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग है जिसे संविधान पीठ के पास भेजा गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की संपत्ति से जुड़ी सूचना को भी परदे नहीं रखा जाना चाहिए। उसने कहा कि मौजूदा याचिका को पूर्व की याचिका के साथ जोड़ने के लिए याचिकाकर्ता को मुख्य न्यायाधीश के पास जाना होगा। कोर्ट अब इस मामले अगस्त के तीसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा।
इससे पहले इस मामले में हस्तक्षेपकर्ता की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि राज्यपाल की रिपोर्ट को आरटीआइ कानून के दायरे में लाना चाहिए। राज्यपाल के प्रधान सूचना अधिकारी (पीआइओ) ने पर्रीकर के आवेदन को खारिज कर जानकारी देने से मना कर दिया था।