
नक्सली नेताओं के आदेश पर दिनेश कढ़ती ने इंद्रावती नदी के पार महाराष्ट्र राज्य के जिला अस्पताल में जाकर पहले नसबंदी करवाई। उसके बाद फिर 2009 में उसने मीना उर्फ लखो के साथ शादी रचाई। दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे। अब दिनेश को इस बात का मलाल है कि वह बच्चे पैदा नहीं कर पाएगा।
कढ़ती के मुताबिक नक्सली संगठन में काम करने वाले हर उस नक्सली के लिए नसबंदी का यही नियम एवं शर्तें लागू होती हैं, जो संगठन में रहते हुए शादी करना चाहते हैं। नक्सली दिनेश कढ़ती एवं लखो दोनों ने बुधवार को दंतेवाड़ा एसपी कमलोचन कश्यप के समक्ष आत्म समर्पण किया था। यह दंपति नक्सली संगठन में एक साथ काम करते थे। नक्सलियों की भेदभाव नीति की वजह से एवं सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर इन्होंने समर्पण किया।
समर्पण के बाद दोनों के खुलासे से यह बात तो साबित होती है कि नक्सली संगठन में रहते हुए शादी के लिए मनाही नहीं है, बल्कि बच्चे पैदा करने के लिए मना करते हैं। इसलिए शादी से पहले ही उनकी नसबंदी करवा दी जाती है।