मंत्री नरोत्तम मिश्रा हाईकोर्ट में खुद पेश हुए, मांगा स्टे लेकिन...

ग्वालियर। जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा की विधानसभा सदस्यता मामले में हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की परंतु चुनाव आयोग या प्रतिवादी की तरफ से कोई वकील नहीं आया। नरोत्तम मिश्रा की ओर से भी कोई वकील पेश नहीं हुआ। मिश्रा ने खुद अपने मामले की पैरवी की। उन्होंने एक बार फिर अपील की कि उन्हे राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालना है अत: स्टे दिया जाए परंतु हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। 

चुनाव आयोग द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ नरोत्तम मिश्रा ने हाईकोर्ट में लगाई अपनी याचिका की पैरवी खुद की। बार एसोसिएशन की हड़ताल की वजह से कोई भी वकील कोर्ट में नहीं पहुंचा। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अखबारों की कटिंग के आधार पर मुझ पर लगाए गए पेड न्यूज के आरोप साबित नहीं हो पाए हैं। इस पर राजेंद्र भारती ने कहा कि चुनाव आयोग ने पूरी जांच के बाद ही मिश्रा के खिलाफ फैसला सुनाया है।

नरोत्तम मिश्रा ने राष्ट्रपति चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि मुझे चुनाव में वोट डालना है, इसके लिए स्टे दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुझे जनता ने दोबारा चुना है। इस पर राजेंद्र भारती ने कोर्ट से कहा कि अगर मिश्रा को एक बार स्टे मिल जाता है तो यह हमेशा के लिए हो जाएगा। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील भी कोर्ट में पेश नहीं हुए।

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