
पीएम मोदी ने एक मजबूत संदेश देते हुआ कहा कि सरकार विपक्षी पार्टियों से डरेगी नहीं जिसपर वे राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगा रही है। वहीं, भ्रष्ट्राचार पर बोलते हुए पीएम ने लालू प्रसाद यादव, मायावती और ममता बनर्जी पर निशाना साधा और मानसून सत्र में राजनीतिक प्रतिशोध बढ़ाने की योजना बना रहे कुछ कांग्रेस नेताओं पर भी जुबानी वार किया और कहा कि जल्द ही दागी नताओे की जांच शुरू की जाएगी।
पीएम ने आगे कहा कि जब कानून देश को लूटने वालों के खिलाफ कदम उठाता है तो दागी नेता राजनीतिक षडयंत्र रचकर बचने का प्रयास करते हैं लेकिन हमे इस पर अब एकजुट होने की जरुरत है। पीएम मोदी की इन बातों का संकेत है कि विपक्ष उन भ्रष्ट्राचारी नेताओं के मुद्दे पर संसद को ठप न करे जो वित्तिय अनियमितता में लिप्त हैं।
वे आगे कहते हैं कि सार्वजनिक जीवन में विश्वसनीयता बनाए रखने के साथ-साथ भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है और सभी राजनीतिक पार्टियों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द दागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए। उन्होंने आगे कहा कि कुछ अनुशासनहीन और भ्रष्ट्राचारी नेताओं की वजह से दशकों से राजनेताओं की छवि को बेकार माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमे लोगों को समझाने की जरूरत है कि सभी राजनेता भ्रष्ट्राचारी नहीं होते।
बता दें कि पीएम मोदी की ये बातें ऐेसे समय में कह रहे हैं जब बिहार में लालू और सीएम नीतीश के बीच घमासान जारी है। नीतीश कुमार ने लालू पर उनके बेटे और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे देने का दवाब बनाया हुआ है। तेजस्वी बेनामी संपत्ति के विवाद को लेकर घिरे हुए हैं। तो वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने टीएमसी के उन नेताओं पर भी निशाना साधा जो नारदा-श्रद्धा के अपराध में जेल में कैद है जबकि दिल्ली सरकार के नेता सत्येंद्र जैन और आप के कुछ दागी नेताओं को भी घेरे में लिया, लेकिन इन सबके साथ मप्र शासित राज्यों में भी कुछ मंत्री दागी हो गए हैं। मप्र के नरोत्तम मिश्रा तो इस समय सबसे ताजा दागी हुए हैं।