मुरैना। कुछ पुरानी किताबें, कागज आपने भी देखे होंगे। वर्षों किसी फाइल या अल्मारी में रखे रहते हैं। जब उन्हे हाथ में लेते हैं तो वो इस तरह झड़ जाते हैं मानो कागज में जान ही नहीं थी। यहां 500 का नया नोट भी कुछ इसी तरह से टूटता चला गया। अब 500 के नोट के कागज की क्वालिटी पर सवाल खड़ा हो गया है। रवि शर्मा नाम के शख्स ने नोटों के कागज के सड़े-गले कागज की तरह अपने आप फटने का दावा किया है। उसने अपने साथ लाए पांच सौ के नए नोटों को दिखाते हुए यह सनसनीखेज खुलासा किया।
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद से ही सरकार द्वारा मुद्रित दो हजार एवं पांच सौ के नए नोट कभी अपना रंग छोड़ने के लिए तो कभी गलत प्रिन्टिंग के लिए चर्चा में रहे हैं। रवि शर्मा अपने साथ तीन पांच सौ के नए नोट लेकर आए और पॉलिथिन में सहेजकर रखे नोट बाहर निकाले तो उनमें से बारीक टुकड़े अपने आप झड़कर गिर रहे थे।
यह हैरान करने वाली बात थी कि नोट को मामूली रूप से मोड़े जाने भर से किसी पुराने सड़े-गले कागज की तरह अपने आप टूट रहे थे। रवि ने दावा किया कि जब उसने नोटों को बैंक में ले जाकर दिखाया तो उन्होंने परीक्षण कर नोट असली होने का दावा तो किया, लेकिन उन्हें बदलने से इंकार कर दिया।
रवि के मुताबिक उसे ये नोट कुछ दिन पूर्व किसी ने दिए थे, जो उसने सम्भाल कर रख हुए थे। आज जरूरत पड़ने पर नोट निकाले तो उसे नोटों की ये हालत देखने को मिली। रवि नोटों पर किसी प्रकार का केमिकल अथवा अन्य प्रकार का इफैक्ट होने से भी इंकार कर रहा है।