
जीपीओ के अधिकारी के मुताबिक डाकघर की मासिक निवेश योजना, फिक्स डिपॉजिट, आरडी, किसान विकास पत्र समेत सभी योजनाओं में ग्राहकों की संख्या पांच गुना तक घट गई है। मसलन, 70 प्रतिशत तक उपभोक्ता डाकघरों की निवेश स्कीमों में पैसा लगाने से कतरा रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि केंद्र सरकार एक ओर डाकघरों को बैंकों के समानांतर खड़ा करने के दावे कर रही है वहीं, डाकघरों में ब्याज दरें कम कर ग्राहकों को नाराज भी कर रही है।
क्या है योजना और फायदे
इस अकाउंट में एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 1000 और अधिक से अधिक डेढ़ लाख रुपया या इसके बीच की कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं। यह पैसा अकाउंट खुलने के 14 साल तक ही जमा करवाना पड़ेगा। मगर, खाता बेटी के 21 साल की होने पर ही मैच्योर होगा। बेटी के 18 साल के होने पर आधा पैसा निकलवा सकते हैं।
21 साल के बाद खाता बंद हो जाएगा और पैसा गार्जियन को मिल जाएगा। अगर बेटी की 18 से 21 साल के बीच शादी हो जाती है तो अकांउट उसी वक्त बंद हो जाएगा। अगर पेमेंट लेट हुई तो सिर्फ 50 रुपए की पैनल्टी लगेगी। गार्जियन अपनी दो बेटियों के लिए दो अकाउंट खोल सकते हैं। जुड़वां होने पर उसका प्रूफ देकर ही तीसरा खाता खोल सकेंगे। खाते को आप कहीं भी ट्रांसफर करा सकेंगे।
ऐसे समझें फायदे को:
यदि 2015 में कोई व्यक्ति 1,000 रुपए महीने से अकाउंट खोलता है तो उसे 14 साल तक यानी 2028 तक हर साल 12 हजार रुपए डालने होंगे। इस तरह 14 साल में वो मात्र 1.68 लाख रुपए जमा करेगा। योजना को लांच करते समय दावा किया गया था कि उसे हर साल 9.1 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा तो जब बच्ची 21 साल की होगी तो उसे 6,07,128 रुपए मिलेंगे। यानि 4,39,128 रुपए ब्याज के मिलेंगे, लेकिन अब तेजी से ब्याजदर घटाई जा रही है। जिससे लोगों ने निवेश करना बंद कर दिया है।