भोपाल। विंध्यक्षेत्र के बैढ़न मेंं 5 साल पहले मजदूर आंदोलन के दौरान हुए गोलीकांड को न्यायिक जाँच आयोग जस्टिस आरएस त्रिपाठी ने अपनी जांच में सही माना है। पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में 1 मजदूर की मौत हो गई थी जबकि 2 अन्य घायल हो गए थे। आयोग का मानना है कि उस समय परिस्थितियां ऐसी थीं कि फायरिंग जरूरी हो गई थी। इसके लिए कलेक्टर की अनुमति भी अनिवार्य नहीं थी।
इस गोलीचालन की रिपोर्ट सामान्य प्रशासन मंत्री लाल सिंह आर्य ने सदन के पटल पर रखी। बैढ़न में 13 दिसम्बर 2013 को श्रमिकों के प्रदर्शन के दौरान हुए गोलीचालन में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे। इस मामले में गठित जांच आयोग के जस्टिस आरएस त्रिपाठी की रिपोर्ट आज सदन में पटल पर रखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि परिस्थितियों के हिसाब से गोलीचालन अनुचित नहीं था।
आयोग ने कहा है कि घटनास्थल पर कलेक्टर मौजूद नहीं थे इसलिए उनसे अनुमति जरूरी नहीं थी। ऐसे समय कार्यपालिक मजिस्ट्रेट भी निर्णय ले सकता है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पुलिस बल को प्लास्टिक की गोलियां दी जानी चाहिए ताकि लोगों को क्षति कम पहुंचे। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में अलग से पुलिस बल तैनात करने और ऐसे क्षेत्रों में जिला पुलिस बल में भी और वृद्धि का सुझाव दिया गया है।