भोज यूनिवर्सिटी में DCA-PGDCA घोटाला, सरकारी मदद पचा ली, स्टूडेंट्स से फीस भी ले ली

भोपाल। MADHYA PRADESH BHOJ OPEN UNIVERSITY के पीजीडीसीए और डीसीए में दो से तीन करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है। इसके चलते कुलपति आरआर कान्हेरे ने पीजीडीसीए और डीसीए की परीक्षाएं रोक दी हैं। फर्जीवाड़े की शिकायत प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय और CTF में दर्ज कराई गई है। इस संबंध में सुधाकर सिंह राजपूत ने STF में बुधवार को अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं।

MPCON LIMITED,BHOPAL द्वारा NALANDA INSTITUTE FOR COMPUTER AND VOCATIONAL TRAINING, INDORE में पीजीडीसीए और डीसीए सरकारी कालेजों से कराना था। सरकारी कालेजों को कोर्स चलाने उच्च शिक्षा विभाग की स्वीकृति अनिवार्य थी। कालेजों ने विभाग की अनुमति के बिना विद्यार्थियों को प्रवेश दे दिया। इसके चलते नालंदा द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत विद्यार्थियों का भुगतान भी लिया गया है। इसके अलावा संस्था ने विद्याथियों से कोर्स की फीस भी वसूल की है। 

वहीं अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग आयोग ने उक्त विद्यार्थियों की राशि नालंदा को दी गई है। जबकि ये राशि विवि के खाते में जमा होना थी। ये भुगतान नालंदा इंस्टीट्यूट संचालक फिरोज बंगलोवाला के खाते में जमा किया गया है। ये राशि विवि और एमपी कान के एक-एक अधिकारी और सरकारी कालेजों के प्राचार्य में आवंटित की गई है। आवंटित से संबंधित सभी दस्तावेज कुलपति, पीएस और एसटीएफ में जमा कर दिए गए हैं।

एमपीकान से जवाब तलब
प्रकरण को गंभीरता से देखते हुए कुलपति कान्हेरे ने एमपीकान के प्रभारी से तीन बार चर्चा कर चुके हैं। अब प्रभारी को प्रकरण की मूल फाइल के साथ तलब किया है। प्रभारी अगामी सप्ताह में फाइल लेकर कुलपति कान्हेरे के सामने उपस्थित होंगे। इसके बाद रुकी हुई परीक्षाओं को शुरु किया जाएगा। वहीं प्रकरण में दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरुरत होने पर विवि वसूली भी करेगा।

फाइल मांगी है कार्रवाई होगी
एमपी कान से प्रकरण की मूल फाइल मांगी गई है। फाइल आने के बाद जो भी इसमें दोषी होगा उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
आरआर कान्हेरे, कुलपति, भोज मुक्त विवि

निदेशक बोले, मेरे खिलाफ साजिश 
मेरा एमपीकान और नालंदा से किसी प्रकार को कोई संबंध नहीं हैं। मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है। जांच के बाद सब साफ हो जाएगा।
प्रवीण जैन निदेशक, भोज विवि

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