छग के पूर्व CM अजीत जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अजीत जोगी के जाति प्रमाण-पत्र को बिलासपुर के कलेक्टर पी. दयानंद ने निरस्त करने का आदेश दिया है। राज्य शासन के निर्देश पर कलेक्टर ने यह फैसला लिया है। दरअसल जोगी की जाति प्रमाण-पत्र की जांच करने के लिए हाईपावर कमेटी बनाई गई थी, जिसने जांच के बाद शासन को रिपोर्ट सौंपी है। राज्य सरकार ने जोगी की जाति को फर्जी बताते हुए उसे निरस्त करने की अनुशंसा की थी।

जनजाति विभाग ने उसे आगे की कार्रवाई करने के लिए बिलासपुर कलेक्टर को भेजा। इसी के बाद  कलेक्टर ने अपर कलेक्टर के.डी. कुंजाम को जाति प्रमाण-पत्र निरस्त करने का आदेश दिया है। इस मामले को लेकर कलेक्टर मीडिया से बचते रहे और इस संबंध में कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझा और गाड़ी में बैठकर चले गए।

सूत्र बताते हैं की अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी आदिवासी होने का लाभ नहीं लिया। मरवाही उपचुनाव लड़ने के लिए जोगी ने आदिवासी होने का पेंड्रा तहसील से जाति प्रमाण-पत्र बनवाया था। तब बिलासपुर के तत्कालीन अपर कलेक्टर एच.पी. किंडो ने कलेक्टर के बिहाफ में जोगी को आदिवासी का प्रमाण-पत्र जारी किया था।

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी पर दबाव देकर जाति प्रमाण-पत्र बनवाने पर सवाल उठाते हुए पार्टी को गुमराह करने की बात कही। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कहते हुए डॉ. रमन सिंह पर दोस्ती निभाने का आरोप लगाया। वहीं नन्द कुमार साय ने हाईपावर कमेटी का फैसला सही बताया है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !