सीहोर की BPL LIST में 35% नाम फर्जी

सीहोर। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहजिला सीहोर भ्रष्टाचार के मामलों में सुर्खियां बटोरता ही रहता है। ताजा मामला गरीबों की बीपीएल सूची का है। प्रशासनिक सर्वे में खुलासा हुआ है कि शहर के सभी वार्डों में कराए गए गरीबी रेखा के सर्वे में कई ऐसे नाम सामने आए हैं जो हकीकत में गरीब हैं ही नहीं। इनमें कई व्यापारी और रसूखदार लोग शामिल हैं। प्रशासन अब ऐसे लोगों के नाम बीपीएल सूची में से विलोपित कर रहा है, लेकिन सवाल यह है कि जिन लोगों ने यह शातिर खेल खेला है उनके खिलाफ कार्रवाई क्या होगी। 

जानकारी के अनुसार सीहोर नगर के 35 वार्डों में जब जिला प्रशासन ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों का भौतिक सत्यापन करवाया। बीपीएल यानि बिलो पावर्टी लाइन समाज के ऐसे लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की सरकारी योजना है जिनके पास ना छत है और ना मूलभूत सुविधा लेकिन इस सूची में कई धन्ना सेठों के नाम पाए गए। आनन-फानन में ऐसे फर्जी गरीबों के नाम सूची से काटे गए। सूची में लगभग 35 प्रतिशत बीपीएल कार्डधारक झूठे पाए गए। प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद नगर के सभी वार्डों में हड़कंप मच गया है।

सीहोर के एसडीएम राजकुमार खत्री से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीहोर नगर के 35 वार्डों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की कुल संख्या 10 हजार 772 है। मगर सर्वे के बाद 3 हजार 260 ऐसे पाए गए जो बीपीएल के पात्र ही नहीं थे। अब इनके नाम विलोपित किए जा रहे हैं। प्रश्न यह है कि यदि इस तरह की हरकतें करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी तो क्या फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा। 

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