
लेकिन इसी बीच चर्चा मो यह भी है कि क्या मंत्री अपने चहेते कमाऊपूत पीए के भरोसे काम चला पाएंगी जिसके कारनामे के चलते हाल ही में उनके अधीनस्थ एक विभाग प्रमुख की स्थापना दो करोड़ रुपये की चढ़ोतरी चढ़ाकर हुई।
मंत्री के बंगल से लेकर पूरे विभाग में अधिकारी व कर्मचारी चटकारे लेकर चर्चा करते नजर आ रहे हैं। तो वहीं उसी विभाग में हाल ही में हुए स्थानान्तरण को लेकर जो भजकलदारम् का दौर चला उससे तो यही जाहिर होता है कि विभाग प्रमुख ने मंत्री के पीए को जो दो करोड़ रुपए लेकर विभाग प्रमुख का पद प्राप्त किया शायद उसकी वसूली का श्रीगणेश इन्हीं स्थानान्तरणों शुरू किया। लेकिन भजकलदारम् की इस अफरा तफरी के चलते इतना रायता फैल गया कि उसकी चर्चाएं आम हो गई।
कहा जाता है कि पिछले कई वर्षों से उक्त मंत्री के चहेते पीए ने कई ऐसे कारनामों को अंजाम दिया और इस दौरान भजकलदारम् का दौर भी खूब चला लेकिन पीए मंत्री के इतने चहेते हैं कि वह उनके बिना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकतीं। चर्चा तो यह भी है कि पीए ने इस भजकलदारम् की बदौलत कई फार्म हाउस और कई एकड़ जमीन राजधानी के आसपास खरीद रखी है। इधर मंत्री की सम्पत्ति में इजाफा पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सूत्रों का दावा है कि यदि मुख्यमंत्री, मंत्री और उनके पीए की सांठगांठ के दस्तावेजों की ठीक से जांच करा लें तो कई खुलासे सामने आएंगे, लेकिन सवाल यह है कि मंत्रियों के दवाब में सरकार चला रहे सीएम क्या यह जोखिम उठा पाएंगे।