BHOPAL ईकोलॉजिकल पार्क: शिवराज की जिद और पौधारोपण घोटाला

भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से अचानक कुछ भी ऐलान करने के लिए देशभर में विख्यात हो चुके हैं। नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान उन्होंने ऐलान कर दिया था कि नर्मदा किनारे एक दिन में 6 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। यह ऐलान उनके गले की हड्डी बन गया। अफसरों ने कई बार समझाया कि यह आंकड़ा ही असंभव है परंतु शिवराज अपनी जिद पर अड़े रहे। नतीजा अफसरों ने इसमें भी मोटी कमाई का रास्ता निकाल लिया। सबूत भोपाल के ईकोलॉजिकल पार्क में मुरझाया हुआ पड़ा है। सरकार ईमानदार है तो आज ही जाकर देख ले, नहीं तो जांच आयोग गठित कर लो। 

भोपाल के कटारा हिल्स स्थित ईकोलॉजिकल पार्क में वनविभाग के अधिकारी एक लाख से अधिक पौधे लगाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत अलग है। यहां ज्यादातर गड्ढे खाली हैं, उनमें केवल खाद व मिट्टी भर दी गई हैं। जिन गड्ढों में पौधे लगाए गए हैं, उनमें से सैंकड़ों देख-रेख के अभाव में मुरझा रहे हैं। यही नहीं पार्क में लगाने के लिए रखे गए हजारों पौधे भी सूख चुके हैं। वहीं जो पौधे (2 जुलाई 2017 के बाद लगाए गए) बचे हैं, उन्हें पार्क में घूम रहे आवारा मवेशी बर्बाद कर रहे हैं।

SDO रवि खुड़े का दावा 
राजधानी के कटारा हिल्स क्षेत्र की सैंकड़ों हेक्टेयर पथरीली और बंजर जमीन पर ईकोलॉजिकल पार्क विकसित किया गया है। इसमें मेडिशनल, बॉटनिकल, दांपत्य और सुंदर वन जैसे कई छोटे-छोटे पार्क विकसित किए गए हैं। पार्क में हरियाली को बढ़ाने के लिए हर साल जुलाई में हजारों पौधे लगाए जाते हैं। सामान्य वन मंडल भोपाल के एसडीओ रवि खुड़े के मुताबिक इस बार पार्क में डेढ़ लाख पौधे लगाए जाएंगे। अभी तक एक लाख से अधिक पौधे लग चुके हैं।

सरकारी खजाने से 100 रुपए प्रति गड्डा खर्च
अधिकारियों ने पार्क में पौधे लगाने के लिए जेसीबी से 57 रुपए प्रति गड्ढे के हिसाब (34.20 लाख रुपए) से 60 हजार गड्ढे खुदवाए हैं। जबकि इनमें से आधे ही गड्ढों में पौधे लगे हैं। करीब 25 हजार पौधे 2 जुलाई को लगाए गए थे। जब बारिश नहीं हुई तो वन विभाग ने पौधे लगाने बंद कर दिए थे, लेकिन जिन पौधों को पूर्व में लगाया गया और जिन्हें लगाने के लिए पार्क में रखा गया था उन पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में हजारों पौधे सूखकर बर्बाद हो गए।
एक पौधे को रोपण तक 100 रुपए के आसपास खर्च किए गए। 57 रुपए का गड्डा, फिर पौधे का मूल्य, उसमें थोड़ी खान और पौधारोपण कार्यक्रम के दूसरे खर्चे। एसडीओ कहते हैं 1 लाख गड्डे हैं। पार्क में 60 हजार ही खुदे। सवाल यह है कि बचे हुए 40 हजार कहां खुद गए। पौधे लगे ही नहीं तो गड्डे क्यों भर गए। बारिश नहीं हो रही थी तो टेंकर से छिड़काव क्यों नहीं किया। यह सारी संरचना घोटाले के लिए बुनी गई ताकि जांच रिपोर्ट में दर्ज की जा सके। 

जिन्हें लगाया नहीं, उन्हें तो बचा सकते थे
पौधरोपण के बाद 100 फीसदी पौधों को जीवित रख पाना मुश्किल होता है, लेकिन जिन पौधों को लगाया ही नहीं गया उन्हें मुरझाने से बचाया जा सकता था। जाहिर है वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते हजारों पौधे बर्बाद हो गए हैं।

इंचार्ज सीएफ बोले: जांच कराएंगे
दो जुलाई को पौधे लगाने के बाद बीच में बारिश नहीं हुई थी, इसलिए पौधे खराब हुए होंगे। पार्क में रखे गए बाकी पौधों के मुरझाने और गड्ढे खाली होने की जांच कराई जाएगी।
रविंद्र सक्सेना, प्रभारी कंजरवेटर फॉरेस्ट, सामान्य वन मंडल भोपाल

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