
ग्वालियर में मानसून ने बेरुखी कर रखी है, एक ओर जहां सरकार को मुनादी करना पड़ रही है कि किसान जिले में धान की बोनी न करें। वही शहर में पीने के पानी की स्थिति खराब होने की आशंका है। ग्वालियर में सिंधिया कालीन तिघरा बांध से पानी की सप्लाई होती है। इस बार तिघरा में पानी का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। लोग चिंतित और प्रशासन परेशान है और प्रदेश के मंत्री बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस ने प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन को जमकर खरीखोटी सुनाई है।
मध्य प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है तो कहीं मौसम विभाग बाढ़ के हालतों से निपटने का इंतजाम कर रही है, लेकिन ग्वालियर अंचल में मानसून अपनी बेरूखी पर कायम है। बरसात के इस मौसम में भी ग्वालियर में सिर्फ दो या तीन दिन बारिश हुई है। चंबल अंचल में गर्मी की इस तपिश में जहां लोग एक अदद पानी की आस लगाए बैठे हैं, ऐसे में उनको डर सता रहा है कि अगर इस बार भी बारिश नही हुई तो तिघरा डेम से पानी कैसे मिलेंगा क्योंकि तिघरा डेम ग्वालियर शहर की 80 फीसदी आबादी को पानी सप्लाई करती है। ऐसे में गौरीशंकर का बयान कहीं न कहीं ग्वालियर के लोगों का मजाक बना रहा है।