मंत्री गौरीशंकर बिसेन का बेतुका बयान: सूखा पड़ा तो मिनरल वाटर भेज देंगे

ग्वालियर। मप्र के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन बेतुके बयानों का रिकॉर्ड कायम करना चाहते हैं। सीएम शिवराज सिंह के उपवास के दिन उनके बयानों पर सेंसरशिप लागू हुई थी। लगता है सीएम ने अब वो हटा ली है। शायद इसीलिए उन्होंने ग्वालियर में संभावित सूखे के हालात पर बेतुका बयान दिया है। बिसेन यहां के प्रभारी मंत्री है। मीडिया ने जब पूछा कि यदि सूखा पड़ गया तो पेयजल की उपलब्धता का क्या प्रबंध होगा तो मंत्रीजी बोले हम ट्रेन से पानी लाएंगे और जरुरत पड़ी तो मिनरल वाटर की बोतल पीने को उपलब्ध कराएंगे। बता दें कि शिवराज सिंह सरकार ने 13 वर्षों में आज तक किसी भी सूखा पीड़ित शहर में पानी की ट्रेन नहीं भेजी है। 

ग्वालियर में मानसून ने बेरुखी कर रखी है, एक ओर जहां सरकार को मुनादी करना पड़ रही है कि किसान जिले में धान की बोनी न करें। वही शहर में पीने के पानी की स्थिति खराब होने की आशंका है। ग्वालियर में सिंधिया कालीन तिघरा बांध से पानी की सप्लाई होती है। इस बार तिघरा में पानी का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। लोग चिंतित और प्रशासन परेशान है और प्रदेश के मंत्री बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस ने प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन को जमकर खरीखोटी सुनाई है।

मध्य प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है तो कहीं मौसम विभाग बाढ़ के हालतों से निपटने का इंतजाम कर रही है, लेकिन ग्वालियर अंचल में मानसून अपनी बेरूखी पर कायम है। बरसात के इस मौसम में भी ग्वालियर में सिर्फ दो या तीन दिन बारिश हुई है। चंबल अंचल में गर्मी की इस तपिश में जहां लोग एक अदद पानी की आस लगाए बैठे हैं, ऐसे में उनको डर सता रहा है कि अगर इस बार भी बारिश नही हुई तो तिघरा डेम से पानी कैसे मिलेंगा क्योंकि तिघरा डेम ग्वालियर शहर की 80 फीसदी आबादी को पानी सप्लाई करती है। ऐसे में गौरीशंकर का बयान कहीं न कहीं ग्वालियर के लोगों का मजाक बना रहा है।
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