
ज्योतिष और व्यापार
ज्योतिष मॆ बुध को व्यापारिक बुद्धि तथा शुक्र को व्यापार मॆ माल तथा चमक दमक का कारक माना गय़ा है। व्यापार मॆ शुक्र ग्रह के शुभ होने से जातक को दुकान मॆ माल असबाब तथा चमक दमक का विशेष फायदा होता है। शुक्र को लक्ष्मी का कारक माना गय़ा है जहां साफ सफाई रहती है वहां मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। दीपावली मॆ लक्ष्मी पूजन के पहले साफसफाई रंग रोगन मां लक्ष्मी को खुश करने के लिये ही किया जाता है। यदि आपका व्यापार स्थल गंदा है तो समझिये लक्ष्मी आपसे रूठ जायेगी।
बुधकृपा
बुध ग्रह को वाणी तथा अच्छी व्यापारिक बुद्धि का कारक माना जाता है। यदि यह ग्रह शुभ है तो व्यापार मॆ आपका कोई सानी नही आप सफल व्यापारी हो सकते है लेकिन बुध ग्रह को शुभ करने के लिये आपको अपना वाणीकेन्द्र मुख को शुद्ध रखना पड़ेगा। यानी मंत्र जाप भजन तथा सात्विक खानपान से ही आपकी वाणी मॆ जादू तथा सम्मोहित करने की शक्ति आयेगी। कुछ भी बोलने तथा तामसिक खानपान माँस गुटखा तम्बाखू खाने तथा लगातार थूकने से बुध ग्रह दूषित हो जाता है जिससे आपको व्यापार मॆ बरबाद होना पड़ता है। व्यापार मॆ ज़बान की कीमत होती है यह बुध ग्रह के शुभ होने से ही सम्भव है। इसीलिये आपके व्यापार मॆ यदि नुकसानी या घाटा हो रहा है तो निश्चित रूप से आपका बुध ग्रह अशुभ हो रहा है।
बुध ग्रह की शुभता के लिये
व्यापार मॆ बुध ग्रह की शुभता के लिये हर व्यापारी को निम्न उपाय करना चाहिये। बुध ग्रह से बेटी, बुआ, बहन और आदिशक्ति मां जगदम्बा के विषय मॆ विचार किया जाता है। आपको यथाशक्ति इन सभी की सेवा करनी चाहिये। अपनी आय का कुछ हिस्सा इन पर नियमित रूप से खर्च करना चाहिये। छोटी कन्याओं का नवरात्रि या हर बुधवार को पूजन कर भोजन कराना चाहिये। कुछ उपहार देना चाहिये। इससे आपके व्यापार मॆ वृद्धि निश्चित रूप से होगी। क्योंकि भगवती मां दुर्गा की शक्ति व्यापार की हर बाधा को पार कर उन्नति मॆ ले जाने मॆ समर्थ है।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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