मप्र: 9 जिलों में झमाझम, 35 में भी राहत, 6 जिले बारिश को तरसे

सुनीता दुबे/भोपाल। मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून में एक जून से 27 जुलाई तक 9 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश के 35 जिले ऐसे हैं जहाँ सामान्य वर्षा दर्ज हुई है। कम वर्षा वाले जिलों की संख्या 7 है। अभी तक सामान्य औसत वर्षा 398.9 मिमी दर्ज की गई है जबकि प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 388.8 मिमी है। सामान्य से अधिक वर्षा कटनी, रीवा, सिंगरौली, सतना, झाबुआ, बड़वानी, खण्ड़वा, नीमच और रतलाम में दर्ज की गई है।

सामान्य वर्षा वाले जिले जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिंडोरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़ छतरपुर, सीधी, उमरिया, इंदौर, धार, अलीराजपुर, खरगोन, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, देवास, शाजापुर, मुरैना, भिण्ड, गुना, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा और बैतूल हैं। कम वर्षा वाले जिले बालाघाट, शहडोल, अनूपपुर, आगर-मालवा, श्योपुर, ग्वालियर और शिवपुरी हैं।

बाढ़ की चपेट में राजस्थान, बीकानेर में सूखा
प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं वही बीकानेर में अभी तक मानसून की जोरदार बारिश नहीं हुई है. करीब एक सप्ताह से तेज धूप और उमस भरी गर्मी से जूझ रहे बीकानेरवासी बारिश का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इन्द्रदेव मेहरबान नहीं हो रहे हैं.

बीकानेर में मानसून की बेरुखी का असर यहां के जनमानस के साथ व्यापार पर भी दिखने लगा है. पूरे प्रदेश में मानसून का दौर चल रहा है, वहीं बीकानेर में लोगों को गर्मी से जूझना पड़ रहा है. मौसम विभाग का भी कहना है कि बीकानेर में चार-पांच दिनों तक बारिश नहीं होगी. जहां लोग इस मौसम में लुत्फ उठाने के लिए घरों से बाहर निकलते हैं, वहीं बीकानेरवासी में घरों में दुबकने को मजबूर हैं.

शहर में दिनभर तेज धूप के साथ बादलों की आवाजाही देखी गई लोकिन हवा नहीं चलने से दिनभर लोगों के पसीने छूटते रहे. लोगों को न तो घरों में कूलर-पंखों से राहत मिल पाई और न ही बाहर पेड़ों की छांव में सुकून मिल सका. लोगों का यह मानना है कि आधा सावन बीतने के बाद भी अगर यही हालात रहे तो कई बीमारियां होने के साथ लोगों की कार्यक्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.

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