नई दिल्ली। मोदी सरकार और अमित शाह की भाजपा अब 2017 के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल सहित 2018 में आ रहे 8 राज्यों के चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। इधर मोदी अपनी कैबिनेट में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं तो उधर अमित शाह की भाजपा में महत्वपूर्ण फेरबदल की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। उप राष्ट्रपति में एनडीए की पोजिशन देखते हुए वेेंकैया का वाइस प्रेसिडेंट बनना तय माना जा रहा है। वेंकैया के मंत्रालयों का प्रभार स्मृति और तोमर को सौंपा गया है। उधर, मनोहर पर्रिकर के गोवा का सीएम बनने के बाद अरुण जेटली डिफेंस मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज संभाल रहे हैं। एन्वायरन्मेंट मिनिस्टर अनिल माधव दवे के निधन के बाद ये मिनिस्ट्री हर्षवर्द्धन संभाल रहे हैं। इन सभी मंत्रालयों में पदस्थापनाएं होना अनिवार्य है।
RSS का एक धड़ा सीनियर बीजेपी जनरल सेक्रेटरी को डिफेंस मिनिस्टर बनाए जाने के फेवर में है हालांकि उनका नाम अभी जाहिर नहीं किया गया है लेकिन, संघ ने नरेंद्र मोदी को कैबिनेट में बदलाव या उसे बढ़ाने में फ्री हैंड दे रखा है। हालांकि, कुछ पार्टी लीडर्स ने संकेत दिए हैं कि मोदी और शाह डिफेंस मिनिस्टर के तौर पर किसी बीजेपी शासित राज्य के सीएम को चुन सकते हैं लेकिन, इस आइडिया को लेकर ज्यादातर पार्टी मेंबर्स उत्साहित नहीं हैं।
संगठन में बदलाव
पिछले दिनों अमित शाह और RSS के टॉप लीडर्स के बीच कई दौर की मीटिंग हुई। कहा जा रहा है कि इसमें संभावित कैबिनेट विस्तार और संगठन को लेकर चर्चा हुई। सोर्सेस का कहना है कि अमित शाह ने RSS चीफ मोहन भागवत के साथ कैबिनेट और संगठन को लेकर मीटिंग की।
2018 असेंबली इलेक्शन
बीजेपी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले इलेक्शन की तैयारियां भी कर रही है। यहां 14-15 साल से पार्टी का शासन है। राजस्थान भी पार्टी के राडार पर है। इन राज्यों में बीजेपी एंटी-इनकम्बेंसी फैक्टर को नजरंदाज करना नहीं चाहती है। 2018 में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के असेंबली इलेक्शन को देखते हुए संगठन में बदलाव की जरूरत भी बीजेपी लीडर्स महसूस कर रहे हैं।
2019 का आम चुनाव
2014 में राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में अच्छी परफॉरमेंस की बदौलत पार्टी ने ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया। पार्टी ऑफिस संभालने वाली नई टीम और स्पोक्सपर्सन 2019 के चुनाव पर फोकस कर रहे हैं, क्योंकि मोदी-शाह 2014 का मैजिक रिपीट करने की कोशिशों में लगे हैं। तैयारियों के लिए राज्यसभा मेंबर्स और मिनिस्टर्स को उन लोकसभा क्षेत्रों पर फोकस करने को कहा जा रहा है, जहां मेंबर्स या मिनिस्टर्स 2019 के आम चुनावों में उतर सकते हैं।