किसान आंदोलन: देवास में चार्टर्ड बस जलाई, SP नीमच ने दिया भड़काऊ बयान

इंदौर। पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद भड़का किसान आंदोलन नियंत्रित होने का नाम नहीं ले रहा है। कब कहां और कौन से संगठन के किसान चक्काजाम करेंगे अंदाज लगाना मुश्किल हो गया है। सुबह मंदसौर में आगजनी की घटना हुई थी। कई वाहन फूंक दिए गए। अब देवास में बस जलाने की खबर आ रही है। इधर नीमच की सीमाएं सील करने के बाद एसपी मनोज सिंह ने विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों का नहीं, गुंडों का है। उन्होंने कांग्रेस नेता उमराव सिंह गूजर को टारगेट करते हुए कहा कि सभी उपद्रवों की जड़ गुजर ही है। 

600 पुलिस के जवान भागकर थाने में छुप गए 
फायरिंग में मारे गए एक शख्स के अंतिम संस्कार के बाद भीड़ पुलिस की ओर दौड़ी। पुलिस के कई जवान जान बचाने के लिए भागकर पिपलिया मंडी थाने लौट गए। थाने के बाहर 600 जवान और उतने ही किसान अामने-सामने हो गए। मीडियाकर्मियों से भी मारपीट हुई। जिले में फिलहाल कर्फ्यू है। वहीं, देवास के सोनकच्छ में आंदोलनकारियों ने चार्टर्ड बस में आग लगा दी। पैसेंजर्स ने भागकर जान बचाई। इस बीच, कांग्रेस के मध्य प्रदेश बंद का मिला-जुला असर रहा। राहुल गांधी भी मंदसौर नहीं पहुंचे। वे एक-दो दिन में यहां आ सकते हैं। 

आंदोलन महाराष्ट्र से शुरू हुआ था
कर्ज माफी और दूध के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दे पर आंदोलन महाराष्ट्र में 1 जून से शुरू हुआ था। वहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश के किसानों ने भी कर्ज माफी, मिनिमम सपोर्ट प्राइस, जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजे और दूध के रेट को लेकर आंदोलन शुरू किया था। पहले दिन किसानों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया परंतु वित्तमंत्री जयंत मलैया ने उनका मजाक उड़ाते हुए बयान जारी कर दिया। इसके बाद किसान एकजुट होने लगे। शनिवार को इंदौर में यह आंदोलन हिंसक हो गया।

कैसे हुई फायरिंग
मंदसौर और पिपलियामंडी के बीच बही पार्श्वनाथ फोरलेन पर मंगलवार सुबह 11.30 बजे एक हजार से ज्यादा किसान सड़कों पर उतर आए। पहले चक्का जाम करने की कोशिश की। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पथराव शुरू कर दिया। पुलिस किसानों के बीच घिर गई। किसानों का आरोप है कि सीआरपीएफ और पुलिस ने बिना वॉर्निंग दिए फायरिंग शुरू कर दी। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई।

कहां-कहां लगा है कर्फ्यू?
मंदसौर, पिपलिया मंडी, नारायणगढ़ और मल्हारगढ़ में कर्फ्यू लगा रहा। वहीं, दलोदा और सुमात्रा में भी धारा 144 लगा गई। मंदसौर में सभी मोबाइल सर्विसेस सस्पेंड कर दी गईं। इंदौर में मंगलवार को शांति रही, लेकिन बुधवार को पड़ोसी जिले देवास के हाट पिपलिया में आंदोलनकारियों ने थाने के अंदर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी।

राहुल गांधी नहीं आए 
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि बुधवार को मध्य प्रदेश में बंद रहेगा। लोग इसमें मदद करें। बंद का असर सबसे ज्यादा इंदौर, धार और मंदसौर जिले में दिखा। इंदौर जिले में राऊ, सांवेर, मांगलिया, देवगुराड़िया इलाकों में बंद का ज्यादा असर दिखा। उज्जैन में भी ज्यादातर मार्केट बंद रहे। जो खुले थे, उन्हें कांग्रेस वर्कर्स ने बंद करवा दिए। धार में भी बंद का असर दिखा। बाजार पूरी तरह बंद रहे। उधर, सीहोर में कल किसानों के प्रदर्शन के बाद बंद का मिला-जुला असर रहा। आष्टा में दुकानें बंद रहीं, जबकि इछावर में कम असर रहा। राहुल गांधी के मंदसौर पहुंचने की खबर थी। लेकिन बुधवार को वे नहीं आए। वे एक-दो दिन में मंदसौर आ सकते हैं।

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