झुक रही है सरकार: किसानों का LOAN नहीं ब्याज माफ करने की तैयारी

भोपाल। मप्र में उग्र हो चुके किसान आंदोलन के तहत पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद सरकार बैकफुट पर है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। इसमें तय किया गया है कि किसानों का कर्ज तो माफ नहीं किया जाएगा लेकिन ब्याज जरूर माफ किया जा सकता है। सरकार इस पर विचार कर रही है। जल्द ही घोषणा की जा सकती है। इसके तहत सहकारी बैंकों के डिफॉल्टर (कर्ज न चुकाने वाले) किसानों के लिए कृषि ऋण समाधान योजना लाई जाएगी। इसमें करीब छह लाख किसानों का दो हजार करोड़ रुपए का ब्याज माफ होगा। इसके लिए किसानों को मूलधन चुकाना होगा। 

साथ ही उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए कृषि लागत एवं विपणन आयोग बनाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के 38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के लगभग छह लाख डिफॉल्टर किसान हैं। इनके ऊपर ब्याज सहित छह हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। कर्ज न चुकाने से बैंकों ने इन्हें काली सूची में डाल दिया है। इन्हें न तो जीरो परसेंट पर कर्ज मिल रहा है और न ही 100 रुपए का खाद-बीज लेने पर 90 रुपए लौटाने की योजना का फायदा। ऐसे किसानों को मुख्यधारा में लाने के लिए कृषि ऋण समाधान योजना लागू की जाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने कृषि कैबिनेट खत्म होने के बाद बताया कि योजना सहकारिता विभाग बनाएगा और इसे जल्दी लागू किया जाएगा।

कृषि लागत एवं विपणन आयोग
चिटनीस ने बताया कि प्रदेश में बिजली, पानी, खाद और बीज की कोई कमी नहीं है। संसाधन मिलने के कारण उत्पादन भी भरपूर हो रहा है पर किसानों को उपज के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। आधुनिक खेती के कारण लागत भी बढ़ी है। बाजार से किसानों को लाभकारी मूल्य मिलें, इसके लिए कृषि लागत एवं विपणन आयोग बनाया जाएगा।

आयोग सभी फसलों की उत्पादन लागत के हिसाब से लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए सिफारिश करेगा। सूत्रों का कहना है कि फसलों का समर्थन मूल्य घोषित होने से पहले प्रदेश सरकार इस आयोग की रिपोर्ट केंद्र को भेजेगी। यदि केंद्र रिपोर्ट के हिसाब से समर्थन मूल्य नहीं रखता है तो फिर मूल्य स्थिरीकरण कोष से मदद कर सरकार खरीदी करेगी।

उड़द की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी
बैठक में तय किया गया कि मूंग, अरहर के साथ अब उड़द की भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी। खरीदी 10 जून से 30 जून तक की जाएगी।

साढ़े चार हजार क्विंटल खरीदी प्याज
बैठक में बताया गया कि अभी तक आठ रुपए किलो के हिसाब से साढ़े चार हजार क्विंटल प्याज खरीदी जा चुकी है। खरीदी का ये सिलसिला पूरे महीने चलेगा।

मोबाइल आधारित सूचना तंत्र बनेगा
चिटनीस ने बताया कि सरकार ने तय किया है कि किस फसल की बाजार में स्थिति क्या है और उसे क्या बोना चाहिए, ये बताने के लिए मोबाइल आधारित सूचना तंत्र बनेगा। इसके माध्यम से किसानों को बताया जाएगा कि उसे किस फसल की बोवनी को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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