
इन याचिकाओं में आयकर अधिनियम की धारा 139 एए को चुनौती दी गई थी, जिसे इस साल के बजट और वित्त अधिनियम, 2017 के जरिए लागू किया गया था। बता दें कि आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन आवंटन के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है।
इस मामले में न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने चार मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सबसे बड़ी समस्या यह है कि आधार और पेनकार्ड में नाम की स्पेलिंग में काफी गलतियां हैं। आपत्तिकर्ताओं ने सरकार के फैसले को अनुचित करार दिया है। अब फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है।