
अनुमति स्थगित हो जाने के बाद एनजी ग्रांट अब कोई भी निर्माण कार्य नहीं कर सकेगा साथ ही इस आदेश के बाद अब मल्टी के फ्लैटों की खरीद फरोख्त पर भी रोक लग गई है। वहीं होटल विनायक को सील कर 10 दिन में जबाव प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। लेकिन इस आदेश के बाद होटल संचालक संजय गर्ग द्वारा संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। संतोषजनक उत्तर नहीं दिए जाने पर नगर निगम आयुक्त अनय द्वेदी ने होटल विनायक की स्वीकृति निरस्त कर दी है। वहीं पटेल नगर में लज्जा कुमारी शर्मा पत्नी भूदेव शर्मा को तीन भूखण्डों पर अलग-अलग भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन लज्जा कुमारी शर्मा ने तीनों भूखण्डों को जोड़ कर एक मकान का निर्माण कर लिया। साथ ही तीनों मकानों के मानचित्र में दर्शाए गए खुलेभाग पर भी निर्माण कार्य कर लिया गया। इन तीनों भूखण्डों पर आवासीय निर्माण की स्वीकृति दी गई थी लेकिन यहां पर अवैधरूप से डिपार्टमेंटल स्टोर और कोचिंग को संचालित किया जा रहा है। इसलिए इनकी भी भवन स्वीकृति निरस्त की गई है।
होटल विनायक के संचालक को फिर से भवन स्वीकृति लेनी पड़ेगी व्यवसायिक भवन स्वीकृति नहीं मिलने पर होटल विनायक की नगर निगम द्वारा तुडाई की जा सकती है। एनजी ग्रांट मल्टी को सहकारिता एवं पजीयन विभाग में चल रहे प्रकरण में निराकरण करना पड़ेगा। अगर सहकारिता एवं पजीयन विभाग इन रजिस्ट्रियों को अवैध घोषित कर देता है तो नगर निगम की भवन परमिशन भी निरस्त हो जाएगी जिसके बाद इन बहुमंजिला इमारत की तुड़ाई का आदेश हो सकता है। इसी प्रकार लज्जा शर्मा के मकान को तोड़ने का आदेश जारी हो चुका था। लेकिन उन्हें कोर्ट से 19 जून तक का स्टे मिला था जिसमें कहा गया था कि अगर समझौते की कोई गुंजइश हो तो समझौता किया जाए। नगर निगम ने कोर्ट में लिखकर दिया है कि समझौते की इसमें कोई गुंजाइश नहीं है। कोर्ट में इस प्रकरण में 27 जून की तारीख लगी है। इसके बाद कोर्ट स्टे हटा लेता है तो पटेल नगर में भी तुड़ाई की कार्रवाई हो सकती है।