
उसका आरोप है कि शिवनाथ अस्पताल के डॉ. मनोज यादव को दिखाया। 11 अप्रैल 2011 को उसका इसी अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद भी दर्द दूर न होने पर डॉक्टर ने कहा कि घाव सूख जाने के बाद दर्द नही होगा। अवधेश ने फोरम को बताया कि दर्द होने पर जब फिर अल्ट्रासाउंड कराया तो उसमें पथरी जस की तस मिली जबकि ऑपरेशन खर्च पूरा लिया गया। इस पर उसने फोरम ने शिकायत की। डाक से नोटिस भेजे जाने के बाद भी अस्पताल की ओर से कोई न उपस्थित हुआ न ही परिवाद का खंडन किया।
उधर, अवधेश के द्वारा सारे सुबूत उपलब्ध कराए गए। अध्यक्ष ने यह आदेश दिया कि एक माह के अंदर परिवादी को चिकित्सकीय लापरवाही के लिए डेढ़ लाख रुपये हर्जाना तथा ऑपरेशन दवा आदि का खर्च 25 हजार रुपये तथा वाद विवाद पांच हजार रुपये सहित एक लाख 80 हजार दें। आइंदा भुगतान की तिथि तक दस प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज का भी आदेश दिया।