
प्रतिभाओं का सम्मान अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह, शैक्षिक पुस्तकें आदि देकर किया गया।सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा मण्डल के अध्यक्ष श्री एस.आर. मोहन्ती ने अपने जीवन के उदाहरण रखते हुए भैया-बहिनों को बताया कि गुरू एवं माता-पिता ही सच्चे मार्गदर्शक हैं। श्री मोहन्ती ने कहां कि जीवन में कभी झूठ नहीं बोलना और गुरूजनों की सीख हमेशा याद रखना तथा अपने माता पिता के मार्गदर्शन में चलना यह सार्थक जीवन के लिए आवश्यक हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री डॉ. विजय शाह शिक्षामंत्री मध्यप्रदेश शासन ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैंने विद्याभारती के उस कठिन समय को देखा है जिस समय वे संसाधन विहिन थे। और इन कठिन परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए आज विद्याभारती ने शिक्षा जगत में वट वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। विद्याभारती के सरस्वती शिशु मंदिर कम संसाधनों में भी अच्छे संस्कारों के साथ उत्कृष्ट शिक्षा देते हुए बालक का सर्वांगीण विकास करते है। श्री शाह ने कहा हमको छोटी कक्षाओं में ही अच्छे मार्गदर्शक गुरू मिलते है जिनके माध्यम से हम जीवन भर अपना मार्ग तय करते हैं। कार्यक्रम को विद्याभारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री भालचन्द रावले ने भी संबोधित किया। इस अवसर श्री रोशनलाल सक्सेना, श्री अखिलेश मिश्रा, श्री हितानंद शर्मा, श्री रामकुमार भावसार, श्री ओमप्रकाश जांगलवा, श्री संजय पटवा, सहित बड़ी संख्या में छात्रों के अभिभावक एवं शिक्षाविद् उपस्थित रहे है।