नई दिल्ली। जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरकार की ओर से अभी तक किसी का भी नाम इस पद के लिए सामने नहीं आया है। हालांकि कयासों का दौर जारी है। राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने वालों में मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री का नाम भी इन दिनों चर्चा में है। राष्ट्रपति पद के लिए अपना चलता देख मोदी सरकार के इस मंत्री ने बहुत ही सफाई ने इस बात का संकेत दे दिया वह इस पद की दौड़ में शामिल नहीं है। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने को लेकर आ रही खबरों को खारिज कर दिया। नायडू ने खुद साफ कर दिया की वो न तो देश के अगले राष्ट्रपति बनने की दौड़ में और न ही उपराष्ट्रपति बनने की रेस में शामिल हैं।
एनडीटीवी के मुताबिक जब पत्रकारों ने नायडू से राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, “मैं न तो राष्ट्रपति बनना चाहता हूं और न ही उपराष्ट्रपति। मैं ऊषा का पति बनकर खुश हूं। ऊषा, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू की पत्नी का नाम हैं।” पिछले दिनों कुछ रिपोर्ट्स सामने आई थी, जिसमें नायडू के नाम की संभावनाएं जताई गई थी। मोदी सरकार ने राष्ट्रपति पद को लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं, प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में दोबारा राष्ट्रपति बनने की बात को खारिज कर दिया था। राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है। प्रेसिडेंट के लिए विधानसभा और संसद दोनों के सदस्य वोट देते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष ने भी तैयारियां तेज कर दी है। ऐसे में सरकार के सामने चुनौती है कि उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए ऐसे उम्मीदवार का चुनाव करना होगा। जिस पर विपक्ष सहमत होगा। हालांकि कहा जा रहा है कि सरकार के वोटों की पर्याप्त संख्या है। विपक्ष इस मौके पर सरकार के सामने अपनी ताकत दिखाना चाहता है। इसी क्रम में कुछ समय पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच मुलाकात भी हुई थी।
राष्ट्रपति पद की रेस में कौन-कौन शामिल?
सरकार की ओर से अभी तक किसी भी तरह का नाम सामने नहीं आने के कारण कयासों का दौर जारी है। राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के डिप्टी पीएम रहे लालकृष्ण आडवाणी के अलावा बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी का नाम भी सामने आ रहा है। इसके अलावा बीजेपी खेमे से एक और नाम है, जिसे लेकर हैरानी जताई जा रही है। वो नाम है केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत का। मध्य प्रदेश से आने वाले गहलोत प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। स्त्रोत