भोपाल। रेलवे अस्पताल के डॉ. आरके बेन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन (डब्ल्यूसीआरईयू) के एमएस फारूकी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। फारूकी ने यूनियन के लेटर पेड के जरिए डॉ. आरके बेन पर महिला मरीज और बच्चों के साथ अभद्रता करने, सोनोग्राफी के नाम पर मरीजों के साथ अश्लील हरकत करने, जातिवाद फैलाने और दवाइयां बेचने के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि डॉक्टर की मानसिक हालत ठीक नहीं है। उनका तत्काल तबादला किया जाए।
जवाब में डॉ. आरके बेन ने कहा कि फारूकी यूनियन की आड़ में फर्जी शिकायत करते हैं। वह खुद दलाली के कामों में सक्रिय है। शुक्रवार को उसने एक गार्ड को मेरे पास छुट्टी के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए भेजा था। गार्ड ठीक था इसलिए मैंने सर्टिफिकेट बनाने से मना कर दिया। डॉक्टर का आरोप है कि फारूकी फर्जी काम कराने के लिए डॉक्टरों के नाम पर रुपए ले लेता है। मैं दबाव में काम नहीं करता, इसलिए मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं। मैंने किसी के साथ अभद्रता नहीं की है। उल्लेखनीय हो कि डॉ. आरके बेन पर पूर्व में भी आरोप लग चुके हैं। इधर, डॉ. बेन पर लग रहे आरोपों के संबंध में सीएमएस डॉ. आशा चिमनिया कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
डॉ. बेन के खिलाफ पोस्टर लगाने वालों को फटकारा
इधर, शनिवार को कुछ लोग रेलवे अस्पताल में डॉ. आरके बेन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी वाले बैनर लगाने पहुंचे थे। कुछ बैनर लगाने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को देख लिया। विरोध करने पर बैनर लगाने वाले लोगों की सुरक्षा कर्मियों से बहस हो गई। बाद में सुरक्षाकर्मियों ने बैनर हटा दिए।