भोपाल। अखिल भारतीय संतजन परमार्थ सोसायटी सात सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश की राजधानी में प्रदर्शन कर रही है। संतों का आरोप है कि कुछ समय पहले जब साधु-संतों ने धरना दिया था तो सरकार की ओर से आश्वासन मिला था कि हमारी मांगे पूरी की जाएंगी लेकिन धरना समाप्त होने के बाद से ही सरकार के नुमाइंदों ने हमारी तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा, हम इंतजार ही कर रहे हैं कि शासन-प्रशासन से कि हमसे किए गए वादे को निभाया जाएगा। ऐसा कुछ भी नहीं होता देख साधु-संतों को विवश होकर फिर से भोपाल का रुख करना पड़ा है। धीरे-धीरे पूरे प्रदेश के साधु संत भोपाल पहुंच रहे हैं।
कमला पार्क के हनुमान मंदिर परिसर में दिए जा रहे धरने में शामिल महंत रामगिरी महाराज पचौर की अचानक तबीयत बिगड़ गई। सूचना मिलने पर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंचे और उन्हें हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के बाद वापस से रामगिरी महाराज धरने पर बैठ गए हैं।
संतों ने चेतावनी दी है कि शिवराज सरकार हिंदुओं की आंखों में धूल न झोंके जो उन्होंने वादे किए थे उन्हें निभाया जाए पिछली बार हमें यह कहकर धरना समाप्त करवाया गया था कि, शिवराज ने हमारी मांगे मान ली है और जल्द ही इस पर फैसला कर दिया जाएगा। लेकिन सभी साधू संतो के भोपाल से जाते ही शिवराज सरकार अपने कहे वादे भूल गई। यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो भोपाल में संतों का तांडव देखने को मिलेगा जिसके जिम्मेदार शिवराज सरकार होगी।
संतो की मांग है कि मठ मंदिरों से सरकार का दखल पूरी तरह से हटाया जाए। मठ मंदिरों का प्रबंधक कलेक्टर की जगह संतों और पुजारी को बनाया जाए। रामगिरी महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक यह मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।