शैलेन्द्र गुप्ता/भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे को पत्र लिखकर नर्मदा में हो रहे अवैध उत्खनन को रोकने की मांग करते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार को इस मामले में एक जांच दल भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। उन्होंने पत्र में कहा है कि हरदा जिले के छीपानेर में नर्मदा नदी के बीचों-बीच लगभग 28 सड़कें बना दी गई हैं। इससे साफ है कि रेत माफिया इन सड़कों से पानी के बहाव को रोक रहे हैं। रेत माफिया पोकलेन मशीन की मदद से उत्खनन कर रहे हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि यह एनजीटी के निर्देशों का खुला उल्लंघन है।
सिंधिया ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार नर्मदा के संरक्षण के लिए नर्मदा सेवा यात्रा निकाल रही है, नदी को जीवित इकाई बनाने की पहल भी उसने की है लेकिन बेधड़क चल रहे अवैध उत्खनन पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यदि नर्मदा को बचाना है तो अवैध उत्खनन रोकना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा है कि एनजीटी ने 28 अप्रैल को इस संबंध में सरकार को निर्देश भी दिए थे पर सरकार ने अवैध उत्खनन करने वालों पर एक भी एफआईआर अब तक दर्ज नहीं की है।
उन्होंने दबे से अनुरोध किया है वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए निष्पक्ष जांच कराएं। सिंधिया ने अपने पत्र में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि नर्मदा में सालों से अवैध उत्खनन हो रह है पर राज्य सरकार इसे रोकने में अब तक विफल रही है। अवैध कारोबार की वजह से नर्मदा विनाश के कगार पर पहुंच चुकी है।
उन्होंने कहा कि सरकार अगर नर्मदा का संरक्षण करना चाहती है और इसे विश्व की नदियों के लिए एक उदाहरण बनाना चाहती है तो पानी के बहाव को चालू करना होगा और अवैध उत्खनन की जांच कर इसे सख्ती से रोकना होगा।
सिंधिया ने पूछे तीन सवाल
दवे को लिखे पत्र में सिंधिया ने तीन सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा है कि राज्य सरकार द्वारा नियमों का उल्लंघन कर रेत खनन की मंजूरी क्यों दी जा रही है? दूसरे अवैध उत्खनन कर रहे रेत माफिया के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई? हरदा में नर्मदा नदी के बीचों-बीच 28 सड़कें बनाने की अनुमति किसने दी और अब इनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है? सांसद सिंधिया ने आरोप लगाया है कि पोकलेन मशीन की मदद से नदी के बीच में जो ठेकेदार रेत का उत्खनन कर रहा है, वह सीधे तौर पर एनजीटी के निदेर्शों का उल्लंघन है। यह अवैध उत्खनन कई साल से चल रहा है। सिंधिया ने कहा कि एक तरफ सरकार नर्मदा सेवा यात्रा निकाल रही है और उसे जीवित इंसान का दर्जा दे रही है तो दूसरी तरफ अवैध उत्खनन को अनदेखा कर रही है।