
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि असम की सरकार के निर्देश को मानते हुए ये कदम उठाया गया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक 'साइलेंट जोन' घोषित करने का फैसला साल 2000 में बने ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियमों के तहत लिया गया है। फैसले के समर्थन में पर्यावरण संरक्षण नियम, 1986 का भी जिक्र है।
इन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा फरमान
नोटिफिकेशन में पांच तरह के इलाकों का जिक्र है। इनमें सभी सरकारी और निजी अस्पताल, शिक्षण संस्थान, हाईकोर्ट, जिला एवं सेशन कोर्ट, सीजेएम कोर्ट, सभी सरकारी दफ्तर और मंदिर, गुरुद्वारे, मस्जिद, चर्च, बौद्ध मठ समेत सभी अहम धार्मिक स्थल शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग को इन प्रतिष्ठानों के आसपास 15 दिनों के भीतर बोर्ड लगाने के लिए कहा गया है जिनमें 'साइलेंट जोन' का जिक्र होगा।
लाउडस्पीकरों पर स्थिति साफ नहीं
नोटिफिकेशन में कहीं भी सीधे तौर पर धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर पाबंदी का जिक्र नहीं है। डीएम अंगामुत्थु ने इस सिलसिले में मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर पहले से ही पाबंदी लगी हुई है। असम सरकार ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी है।