
उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों से ईवीएम से कराए जा रहे चुनाव शक के घेरे में हैं। विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में ईवीएम से बड़ी सफाई से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि वह सदन के माध्यम से अपील करते हैं कि देश में सभी उप चुनाव, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में तथा भविष्य में होने वाले चुनाव ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से कराए जाने चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम मशीनों की जांच के दौरान कोई भी बटन दबाने पर वोट भाजपा को ही पड़ने का मामला सामने आया है। इससे स्पष्ट प्रमाण मिलता है कि विधानसभा चुनाव में भारी घपला हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस ईवीएम से चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाती रही है। उनके पास इस तरह के प्रमाण हैं, जो यह सिद्ध कर सकते हैं कि ईवीएम से चुनाव में घपला हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से ही चुनाव होने चाहिए।
सपा के राम गोपाल यादव ने कहा कि इन मशीनों की प्रोग्रामिंग इस तरह की गई है कि हर मशीन में 100-150 मत पड़ने के बाद कोई भी बटन दबाए वोट भाजपा को ही पड़ता है। उन्हीं की पार्टी के नरेश अग्रवाल ने कहा कि इन मशीनों में एक ऐसी चिप लगाई गई है, जिससे मतदान प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सकता है।
बसपा की मायावती ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में बड़ा घोटाला हुआ है। यह मामला पार्टी कोर्ट में भी लेकर गई है। उन्होंने भी मांग की कि देश में चुनाव ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से ही कराए जाने चाहिए। उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए आपत्तिजनक शब्द कहे जिसका सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। इस पर उप सभापति ने उस शब्द को कार्यवाही से हटा दिया।
सत्ता पक्ष की ओर से केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मध्य प्रदेश घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास है और इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी है। विपक्षी सदस्यों को सदन का समय बर्बाद करने के बजाय चुनाव आयोग के पास जाकर अपनी बात रखनी चाहिए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सदन में इस मुद्दे पर गत 22 मार्च को विस्तार से चर्चा हो चुकी है और कोई तर्क या तथ्य सामने नहीं आया है।