शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण: अतिशेष विवाद का फैसला कैसे होगा | EDUCATION

सागर। सरकारी स्कूलों में पदों के अनुरूप शिक्षकों की पद स्थापना करने स्कूल शिक्षा विभाग ने समय सारणी जारी कर दी है। यह कार्य 10 मई तक पूरा किया जाना है। इस संबंध में निकाय, जिला पंचायत के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। इसमें नीति के अनुसार किसी भी स्थिति में दी गई व्यवस्था से अधिक शिक्षक किसी भी स्कूल में पदस्थ नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा प्राथमिक क्रम में एक से अधिक आवेदक एक ही श्रेणी के होने पर उम्र से फैसला होगा। सबसे पहले ज्वाइनिंग की तारीख देखी जाएगी। यदि इसमें एक ही तारीख पाई जाती है तो अधिक उम्र वाला अतिशेष माना जाएगा। डीईओ संतोष शर्मा का कहना है कि ई-सेवा पुस्तिका अपडेशन के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। दावे-आपत्तियों का निराकरण कर पूरी पारदर्शिता से युक्तियुक्तकरण होगा। 

ये है शिक्षक और छात्र संख्या पैमाना
प्राइमरी स्कूल में 60 बच्चों तक 2 शिक्षक, 61 से 90 बच्चों तक 3 शिक्षक, 91 से 120 बच्चों तक 4 शिक्षक, 121 से 200 बच्चों तक 5 शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक की पद-स्थापना का प्रावधान है। प्राइमरी स्कूल में 200 से अधिक बच्चे होने पर 1:40 के अनुसार प्रधान अध्यापक को छोड़कर शिक्षक रखे जाने का प्रावधान है। 

पदों के अनुसार होगी पदस्थापना 
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के अंतर्गत सहायक शिक्षक, सहायक प्राध्यापक, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 की स्वीकृत पदों के अनुरूप पद-स्थापना की जाएगी। एज्युकेशन पोर्टल पर सार्वजनिक होगी स्कूल में अधिक व कम टीचर की स्थिति, आपत्ति होने पर ऑनलाइन संकुल प्राचार्य और बीईओ को हार्डकॉपी देनी होगी। 

गांव से शहर में नहीं भेजे जाएंगे शिक्षक 
स्कूलों में ज्यादा शिक्षक होने पर रिक्त पदों वाले स्कूलों में पद-स्थापना की जाएगी। अतिशेष शिक्षकों को शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में पद-स्थापना की कार्रवाई नहीं की जाएगी। अध्यापक संवर्ग को नियुक्तिकर्ता के निकाय के भीतर ही पदस्थ किया जाएगा। शिक्षक संवर्ग को जिले में आवश्यकता वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। मिडिल स्कूलों में विषय मान व योग्यता के आधार पर रिक्त पदों पर पदस्थ करेंगे। 

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