जाधव मामले पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा

नई दिल्‍ली। भारतीय नौ सेना के पूर्व अफसर जाधव के मामले पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान जाधव को फांसी देने के मामले में अड़ गया है। इधर भारत ने उसे सख्त चेतावनी जारी कर रखी है। पहले दिन पाकिस्तान कुछ नर्म हुआ था परंतु अब वहां से कोई सकारात्मक संकेत सामने नहीं आ रहे हैं। यदि हालात यही रहे तो तनाव और ज्यादा बढ़ जाएगा। 

पाकिस्तानी प्रधान्मंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने आरोप लगाया कि जाधव के पास एक हिन्दू और एक मुस्लिम के नाम से दो पासपोर्ट मिले थे। उन्होंने सवाल किया है कि अगर वह निर्दोष हैं तो उनके पास दो पासपोर्ट कैसे आए। वहीं अजीज ने बताता कि जाधव को मिली सजा के खिलाफ अपील के लिए 4 महीने का वक्त है।

इधर पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में वहां की सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव को बचाने की भारत सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। इस सिलसिले में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात की है और उच्चायोग अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की एक बार फिर इजाजत मांगी है। इस दौरान बंबावले ने जंजुआ से कुलभूषण के खिलाफ दायर चार्जशीट और पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फैसले की कॉपी मांगी है। 

भारत सरकार जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा के खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए वह पाकिस्तान सेना के कानूनों का अध्ययन भी कर रहा है। वहीं भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को जाधव से मुलाकात की मांग पर पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि यह जासूसी का मामला है और इसलिए उन्हें मुलाकात की इजाजत नहीं दी सकती। हालांकि भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जाधव से मिलने की इजाजत है।

भारत सरकार पिछले साल मार्च से लेकर अब तक जाधव से मुलाकात की 14 बार इजाजत मांग चुका है। लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इस अनुरोध को ठुकराया है। विएना संधि के मुताबिक अगर विदेश में किसी भी देश का नागरिक गिरफ्तार होता है तो अपने दूतावास के अधिकारियों से मुलाकात उसका हक होता है। इस बीच, मोदी सरकार कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है। इसके लिए मिलिट्री ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की जा सकती है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कह चुकी हैं कि जाधव को बचाने के लिए सरकार किसी भी हद तक जाएगी।

भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्हें कुलभूषण यादव के ठिकाने या हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। कुलभूषण पर सेना की अदालत में मुकदमा चलाने की जानकारी भी भारत को नहीं दी गई थी। वहीं, लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि अगर कोई वकील जाधव की पैरवी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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