MP में कोई कुख्यात डाकू गिरोह नहीं, फिर भी उन्मूलन पर 155 करोड़ खर्च

भोपाल। मप्र में अब कोई कुख्यात डाकू गिरोह सक्रिय नहीं है फिर भी पांच सालों में डकैती उन्मूलन पर 155 करोड़ खर्च कर दिए गए। मामला विधानसभा में उठाया गया है। यहां बता दें कि इन दिनों ग्वालियर संभाग में पुलिस छोटे मोटे हथियारों के साथ पकड़े जाने वाले बदमाशो को डकैती की योजना बनाते हुए गिरफ्तार करना प्रदर्शित करती है। पिछले दिनों शिवपुरी जिले की करैरा पुलिस ने एक बाइक चोर गिरोह को पकड़ा, उनके पास से एक दर्जन से ज्यादा बाइक भी बरामद हुईं, लेकिन रिकॉर्ड में डकैत बताया गया। आरोप है कि कुछ इस तरह की गतिविधियों में पुलिस डकैती के मामलों को जबरन जिंदा बनाए हुए है। 

डॉ.गोविंद सिंह के सवाल के लिखित जवाब में विधानसभा में गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में दस्यु समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। क्षेत्रीय इनामी बदमाश कभी-कभी फरार होकर गैंग बना लेते हैं। अकेले ग्वालियर-चंबल संभाग में पिछले तीन सालों के दौरान पुलिस और डकैतों के बीच 25 बार भिड़ंत हुई।

बावजूद इसके केवल 4 डकैत मारे गए। इन चार डकैतों में से भी तीन को कथित रूप से मुठभेड़ में मार गिराने के मामले की जांच जारी है। गृहमंत्री द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार दस्यु प्रभावित ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में 1303 प्रकरणों में एंटी डकैती अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कोई भी सूचीबद्ध गिरोह सक्रिय नहीं है। केवल तीन असूचीबद्ध गिरोह सक्रिय हैं। इन तीन गिरोह में उपाई यादव निवासी सरजनपुर थाना कोलारस शिवपुरी पर 30 हजार का, बबली कोल निवासी सोसायटी कोलान थाना मारकुंडी जिला चित्रकूट उप्र पर मप्र द्वारा 30 हजार व उप्र सरकार द्वारा 50 हजार स्र्पए, गौरी यादव उर्फ उदयभान निवासी बिलहरी थाना बहिलपुरवा जिला चित्रकूट पर प्रदेश सरकार द्वारा 25 हजार व उप्र सरकार द्वारा 1 लाख स्र्पए का इनाम घोषित है।

फर्जी मुठभेड़ एक भी नहीं, दो विचाराधीन 
गृहमंत्री ने पिछले तीन सालों में किसी भी डकैत को फर्जी मुठभेड़ में मारा जाना स्वीकार नहीं किया है। अलवत्ता अपने जवाब में यह जरूर स्वीकार किया है कि दो मामलों में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। मंत्री ने बताया है कि दो मामले चंंदन गड़रिया थाना भौंती जिला शिवपुरी मुठभेड़ व बालक दास ढीमर, दिनेश जाटव थाना सेवढ़ा जिला दतिया का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।

डकैतों से निपटने का बजट 1.91 अरब, खर्च 1.55 अरब 
गृहमंत्री के जवाब में सबसे अधिक चौकाने वाली बात यह आई है कि पिछले पांच सालों में एंटी डकैती ऑपरेशन के लिए 1.91 अरब स्र्पए के बजट था। इस राशि में से 1.55 अरब स्र्पए खर्च किए गए। चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में ही 42.11 करोड़ स्र्पए के बजट में से 32.49 करोड़ स्र्पए खर्च किए जा चुके हैं।

ग्वालियर में सबसे ज्यादा मामले 
गृहमंत्री द्वारा जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार एंटी डकैती अधिनियम के तहत सर्वाधिक 468 मामले सिर्फ ग्वालियर जिले में दर्ज हुए हैं। मुरैना में 272, भिंड में 239, शिवुपरी में 191, दतिया में 105, श्योपुर में 28 लोगों पर डकैती अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। गुना व अशोक नगर में डकैती अधिनियम के तहत एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।

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