ये है जयललिता की मौत का राज: AIIMS की रिपोर्ट

चेन्नई। जयललिता को हार्ट अटैक आया, उससे एक दिन पहले यानी 4 दिसंबर को वो पूरी तरह होश में थीं। हार्ट अटैक के बाद उनकी हालत नाजुक हो गई और अगले दिन उनका निधन हो गया था। सोमवार को जारी एम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। जयललिता के निधन के 91 दिन बाद तमिलनाडु सरकार की ओर से यह रिपोर्ट जारी की गई है। बता दें कि जयललिता के निधन के बाद उनके इलाज में गड़बड़ी का शक जाहिर किया गया था। इसे देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने एम्स से मेडिकल रिपोर्ट सौंपने को कहा था। 

कुर्सी पर 20 मिनट बैठ सकती थीं
एम्स के डॉ. जीसी खिलनानी समेत 4 डॉक्टरों की रिपोर्ट में कहा गया है, "वो पूरी तरह होश में थीं। कुर्सी पर करीब 20 मिनट बैठ सकती थीं, लेकिन न्यूरोमस्कुलर वीकनेस की वजह से खड़ी नहीं हो सकती थीं। ये चारों डॉक्टर जयललिता के इलाज के लिए चेन्नई के अपोलाे हॉस्पिटल में 3 दिसंबर को पहुंचे थे। यह टीम उसी दिन दिल्ली लौट गई थी और 5 दिसंबर की शाम को चौथी और आखिरी बार इस हॉस्पिटल में आई थी।

ठीक होने में वक्त लगता 
एम्स की टीम ने कहा, "जयललिता को फिजियोथेरेपी देने की जरूरत थी, लेकिन उनको पहले से पॉलीन्यूरोपैथी बीमारी थी, जिसकी वजह से उन्हें पूरी तरह ठीक होने में कई हफ्ते या महीने लग सकते थे। 

शाम 4:30 बजे आया था जयललिता को अटैक
एम्स के डॉक्टरों की टीम के मुताबिक, उन्हें बताया गया कि जयललिता को 4 दिसंबर की शाम 4:30 बजे हार्ट अटैक आया था। इसके बाद 45 मिनट तक उनके हार्ट को पंप किया गया, फिर ओपन कार्डिएक मसाज की गई। इसके बाद उन्हें ईसीएमओ और पेसमेकर लगाया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि जयललिता के बॉडी का टेम्परेचर हमेशा कम रहता था और उनका लगातार हीमोडायलिसिस किया जा रहा था।

हार्ट ने काम करना बंद कर दिया था 
रिपोर्ट में बताया गया है कि जयललिता की बॉडी का टेम्परेचर नॉर्मल होने पर रात करीब 10 बजे फिर जांच की गई। पता चला कि ब्लडप्रेशर तेजी से गिर रहा है। ईसीएमओ लगाने पर पता चला कि हार्ट ने काम करना बंद कर दिया है। पेसमेकर लगाने पर भी मॉनिटर पर सीधी लाइन नजर आ रही थी। न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक, जयललिता की जान बचाने के लिए की जा रही सभी कोशिशें नाकाम हो रही थीं। इसके बाद एम्स की टीम ने तय किया कि अपोलो की टीम जयललिता के परिवार वालों से बात करेगी।

थायरॉयड के कारण कई बीमारियां थीं 
चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मोटापे, हाई ब्लडप्रेशर, थायरॉयड की बेहद खराब हालत, डायरिया की गंभीर बीमारी और ब्रोंकाइटिस की वजह से जयललिता को कई कॉम्प्लिकेशन्स हो गए थे। यही उनकी मौत की वजह बने। जयललिता को 5-7 दिन से फीवर और इंटेस्टाइन की प्रॉब्लम्स हो रही थी। जब उन्हें एडमिट किया गया तो जांच में कई बीमारियां और इन्फेक्शन का पता चला। इसे देखते हुए 18 डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई और एम्स टीम समेत 13 डॉक्टरों की सलाह लेकर उनका इलाज किया जा रहा था।

तमिलनाडु सरकार ने मांगी थी AIIMS से रिपोर्ट
एम्स एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, 5 मार्च को तमिलनाडु सरकार ने उनसे यह रिपोर्ट मांगी थी। अगले दिन एम्स ने यह रिपोर्ट राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी जे. राधाकृष्णन को सौंपी। रिपोर्ट मिलने के बाद राधाकृष्णन ने कहा, "जयललिता के इलाज को लेकर मीडिया में फैलाई गईं अटकलें बेबुनियाद हैं। एम्स की मेडिकल रिपोर्ट में इस प्रकार के कयासों को सिरे से खारिज किया गया है।"

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !