भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ संत-पुजारियों का 'तप सत्याग्रह' लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। यह दुनिया का शायद पहला प्रदर्शन होगा जिसमें संत-पुजारियों ने इस तरह से विरोध दर्ज कराया है। राज्य भर से आए सैंकड़ों संतों ने कमला पार्क स्थित हनुमान मंदिर के पास सड़क पर ही धूनी रमाई और तप सत्याग्रह करने बैठे रहे। संतों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो शिवराज सिंह के खिलाफ 'तांडव आंदोलन' करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संतों के इस प्रदर्शन के चलते मार्ग की यातायात व्यवस्था आज बुधवार सुबह भारी प्रभावित रही। इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा और महंत मनमोहनदास राधे बाबा से चर्चा करने के लिए एडीएम जीपी माली और एसपी नार्थ अरविंद सक्सेना मौके पर पहुंचे।
महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा ने अधिकारियों को दो टूब शब्दों में कहा कि जब तक सीएम चौहान या कोई अधिकारी, संतों की मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन नहीं देता, तब तक संतों का यह आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान संतों ने सीएम चौहान एवं उनकी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
संतों की प्रमुख मांगें:-
गुरु-शिष्य परम्परा का ध्यान रखते हुए मंदिरों में पुजारी और उत्तराधिकारी के नामांतरण की नीति बनाई जाए।
मठ-मंदिरों का प्रबंधक कलेक्टर को हटाकर सरकारीकरण रोका जाए।
गौ-चर भूमि को मुक्त कर गौ शालाओं को दी जाए।
मंदिरों की भूमि पर किए गए अतिक्रमणों को तत्काल हटाया जाए।
मंदिरों की कृषि भूमि की नीलामी पर स्थाई रूप से रोक लगाई जाए।
मठ-मंदिरों के संबंध में सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयक को तत्काल निरस्त किया जाए।