भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में स्वच्छता को मिशन और शौचालय को जूनून बना लिया है। उनकी सरकार दायरे और परंपराओं से बाहर जाकर घर-घर शौचालय बनवा रही है। मैदान में शौच को जाने वालों का चालान बनाया जा रहा है लेकिन मप्र के छतरपुर शहर में हालात कुछ और हैं। नगरपालिका से नाराज एक व्यक्ति ने अधूरे पड़े शौचालय में किनारे की दुकान खोल ली।
छतरपुर शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में पंचवटी कॉलोनी के वार्ड नंबर 36 में एक फैमिली ने अपने टॉयलेट को दुकान में बदल दिया। लक्ष्मण कुशवाहा अपने घर में बने टॉयलेट में दुकान चलाते हैं। उनकी फैमिली टॉयलेट के लिए मैदान में जाती है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि नगर पालिका ने उनके घर में टॉयलेट बनाकर शीट तो लगा दी, लेकिन टैंक नहीं बनाया। इसलिए लक्ष्मण की फैमिली के लिए यह टॉयलेट किसी काम का नहीं है।
लक्ष्मण का कहना है कि, टॉयलेट के लिए नपा ने उनकी 1400 रुपए की रसीद काटी थी। इस मामले को करीब 8 महीने गुजर गए। वे जब भी नपा में अपनी समस्या लेकर जाते हैं, उन्हें दुत्कार कर भगा दिया जाता है। गुस्से में अाकर लक्ष्मण ने टॉयलेट को किराने की दुकान बना दिया।
ताकि अफसरों को शर्म आए..
लक्ष्मण के मुताबिक, दुकान पर उनकी पूरी फैमिली अलग-अलग समय पर बैठती है। सुबह उनके माता-पिता उमा और लक्ष्मण बैठते हैं। बाकी समय बच्चे नीलम 15, नीरज 10 वर्ष और जितेंद्र 7 वर्ष भी दुकान संभालते हैं। लक्ष्मण के अनुसार, उन्होंने यह इसलिए किया, ताकि अफसरों के आंख-कान खुलें।
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मैं इस मामले को दिखवाता हूं। यह बेहद लापरवाही है।
कामता गुप्ता, सीएमओ, नपा छतरपुर
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