राहुल गांधी ने कोकोनट जूस से अपनी ही जामन मचा डाली

नईदिल्ली। बुंदेलखंड समेत राजस्थान और ब्रज के इलाकों में दही जमाने की प्रक्रिया को 'जामन' कहते हैं। इसमें खास बात यह होती है कि यदि एक बार रखने के बाद जामन का बर्तन हिल जाए तो फिर दही नहीं बनता। सबकुछ बेकार हो जाता है। राहुल गांधी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। यूपी के चुनावी अभियान में मोदी पर तंज कस रहे थे। दनादन रैलियां कर रहे थे। कद बढ़ रहा था। लोग सोचने लगे थे कि राहुल परिपक्व हो गए लेकिन आज उन्होंने मणिपुर में 'कोकोनट जूस' निकाल डाला। अब फिर सोशल मीडिया पर 'पप्पू' वायरल हो रहा है। 

इससे पहले उन्होंने 'आलू की फैक्ट्री' वाला बयान दिया था, जो आज भी बेंचमार्क बना हुआ है। इस बार उन्होंने मणिपुर से कोकोनट जूस विदेश भेजे जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि लंदन में कोई कोकोनट जूस पीए और उस पर लिखा हो मेड इन मणिपुर। बता दें कि मणिपुर में केले, पाइनेपल और साइट्रस फल होते हैं। वहां नारियल नहीं होते। 

उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने संकेतों में चुटकी ली है। उन्होंने लिखा: कोकोनट जूस ?
ट्विटर पर एक व्यक्ति ने लिखा है कि क्या राहुल गांधी को पता है कि मणिपुर में कोकोनट की खेती होती है या नहीं। क्या वो मणिपुर में कोकोनट का एक भी पेड़ दिखा सकते हैं। है तो एक तस्वीर पोस्ट कर दें। 
एक अन्य आदमी ने टिप्पणी की है कि मेड इन मणिपुर नहीं, बल्कि प्रोडक्ट ऑफ मणिपुर का लेबल होना चाहिए। इतनी जानकारी तो राहुल गांधी को होगी ही। 
रजनी सहगल लिखते हैं कि खाने-पीने की चीजों के लिए प्रोडक्ट ऑफ मणिपुर लिखा जाता है। 

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