भोपाल। राज्य कर्मचारियों की 21 सूत्रीय मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने गुरुवार दोपहर राजधानी भोपाल के विंध्याचल भवन में विरोध-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के नेतृत्व में किया गया। मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस अध्यक्ष वीरेन्द्र खोंगल ने बताया कि राज्य सरकार, अपने कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों के निराकरण में उदासीनता का व्यवहार अपना रही है। उन्होंने कहा कि विगत चार-पांच वर्षों से कर्मचारियों की मांगों पर ठहराव की स्थिति उत्पन्न होने के कारण सभी वर्गों के शासकीय सेवकों में भारी रोष व्याप्त है।
वीरेन्द्र खोंगल का कहना है कि यदि कर्मचारियों की मांगों का शीघ्र सार्थक समाधान नहीं किया गया, तो अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन के उपरांत संगठन के एक प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री जयंत मलैया को मांग पत्र सौंपकर शीघ्र निराकरण करने की मांग की है।
यह है संगठन की प्रमुख मांगें:-
विसंगतिपूर्ण वेतनमान एवं ग्रेड पे में सुधार कर शीघ्र सातवा वेतनमान दिया जाए।
कार्यभारित कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया जाए।
अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसाएं लागू की जाएं।
लिपिक वर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाए।
अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किया जाए।
एकसमान रिटायरमेंट आयु निर्धारित की जाए।
पौने तीन लाख पेंशनर्स के अंतरिम राहत का भुगतान तथा संविदा कर्मियों को एक मुश्त नियमित किया जाए।