वैशाली। ममता की शादी 4 मार्च 2016 को बड़े ही धूमधाम से वैशाली थाना इलाके में रहने वाले संतोष नामक युवक से हुई थी। शादी के महज तीन माह के अंदर ही दोनों के दांपत्य जीवन में ऐसी खटास आई कि दोनों की जिंदगी मखौल बन कर रह गई। ससुराल और मायके वाले ममता के द्वारा संतोष पर लगाए गए आरोप से दंग हो गए। दरअसल, ममता ने अपने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाया था।
इसके बाद ससुराल और मायके वाले आपस में एक मत होकर के संतोष के छोटे भाई से उसकी शादी जयपुर स्थित एक मन्दिर में करा दी। अब ममता दुनिया को दिखाने के लिए संतोष की पत्नी थी परंतु बेडरूम में वो अपने देवर के साथ होती थी। मामता को रात के वक्त मिला देवर का साथ काफी पसंद आ गया था। वो खुश थी कि यह सिस्टम दोनों परिवारों की मर्जी से बन गया है। सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन, ममता की चाहत बदल गई। वो अपने पति संतोष को छोड़कर सामाजिक रूप से देवर की पत्नी बनकर रहना चाहती है। इसी के चलते विवाद शुरू हो गया।
शादी के पांच महीने बाद ममता पे संतोष से तलाक और देवर से शादी की चाह में थाना और कचहरी की कार्रवाई शुरू कर दी। ममता की मां ने शिकायत की है कि 'मेरी बेटी के साथ धोखा हुआ है, दहेज के लिए उसे प्रताड़ित कर ससुराल से निकाल दिया गया है। ममता के वकील द्वारा ससुराल वालों को नोटिस भेजा गया तो लड़का पक्ष ने कहा कि हमलोगों ने उसकी शादी संतोष से की है न की उसके छोटे भाई से। वो अपने पति के साथ आराम से रहे। किसी को आपत्ति नहीं है।
इधर, ममता का कहना है कि पति के छोटे भाई के साथ मंदिर में शादी जयपुर में हुई थी। वही मेरे साथ संबंध भी बनाता था लेकिन अब कहता है 'नाम के लिए मेरे भाई के साथ रहो और खुश मैं रखूंगा।' ममता चाहती है कि देवर की शादी किसी और से ना की जाए। बल्कि उसे देवर की पत्नी होने का सामाजिक दर्जा दिया जाए। ऐसा नहीं हुआ तो ममता, पूरी ससुराल को दहेज के मामले में जेल भिजवा देगी।