भोपाल। सामान्यत: महिलाएं पैसा बनाने के लिए आसान तरीके ढूंढती हैं। ज्यादातर अपने महिला होने का लाभ लेना चाहतीं हैं लेकिन रानी सोनी की बात कुछ और है। उन्होंने जिंदगी का कोई शार्टकट यूज नहीं किया। मजदूरी की। ट्रक चलाया। 48 की हो गईं हैं, आज भी ट्रक ही चलातीं हैं। ईमानदारी का पैसा कमाकर अपनी बेटियों को पढ़ाया। बड़ी बेटी वकील बन गई है। छोटी 11वीं में है। यूपीएससी की तैयारी भी कर रही है।
बात 1984 की है। काम की तलाश में रानी सोनी पति अमित सोनी के साथ इलाहाबाद से भोपाल आई थीं। यहां आकर पति-पत्नी ने पुल बोगदा स्थित एक लकड़ी के पीठे पर काम करना शुरू किया, लेकिन कड़ी मेहनत के बाद भी घर चलाने के लिए मजदूरी में मिलने वाले पैसे नकाफी थे। फिर रानी ने ट्रैक्टर चलाना सीखा और ट्रैक्टर-ट्रॉली चलाकर सामान ढोने लगीं। धीरे-धीरे आमदनी बढ़ी, उन्होंने एक ट्रैक्टर खरीद लिया और लाइसेंस भी बनवा लिया। सालों तक ट्रैक्टर-ट्रॉली से सामान ढोया। कुछ साल पहले ही रानी ने ट्रैक्टर बेचकर टाटा-207 खरीदा है, जिसमें वे मार्बल ढोने का काम करती हैं।
मैं कभी नहीं छोड़ूंगी ड्राइविंग करना
रानी कहती हैं कि मेहनत से ही मंजिल को पाया जा सकता है। मैंने मजदूरी की। पैसे जोड़े। दूसरों को ट्रैक्टर चलाते देखकर बिना किसी की मदद के इसे चलाना सीखा। वे बताती हैं कि जब मैं ट्रैक्टर से पत्थर और लकड़ी कस्टमर के घर तक पहुंचाती थी, तो लोग आश्चर्य से देखते थे। मैंने अपने परिवार और बच्चों के लिए ईमानदारी से मेहनत की है। रानी कहती हैं कि मैं ड्राइिवंग करना कभी नहीं छोड़ूंगी क्योंकि इसी से मुझे काफी कुछ हासिल हुआ है।
बेटी को पढ़ा-लिखाकर बनाया वकील
रानी सोनी की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अनीता वकील है और छोटी बेटी सरिता 11वीं में पढ़ रही है। रानी सोनी आज भी जहांगीराबाद के उसी मकान में किराये से रहती हैं, जिसमें 1984 में भोपाल आकर रहना शुरू किया था।