भोपाल। राजधानी के पॉश इलाकों में छोटे बच्चों एवं दिव्यांगों को भेजकर भीख मंगवाने वाली तीन संस्थाओं पर कार्रवाई की गई है। मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर इनके खिलाफ पुलिस में प्रकरण सौंपा गया है। ये लोग घरों में जाकर लोगों को भावनात्मक रूप से प्रभावित कर बीमारी के नाम पर पैसा ऐंठते थे।
बाल आयोग को इस संबंध में कुछ लोगों ने शिकायत भेजी थी। शिकायत में कहा गया था कि बच्चे और दिव्यांग अपने हाथ में किसी गंभीर बीमारी का प्रमाण पत्र लेकर घरों में जाते थे और लोगों से मदद के रूप में पैसों की मांग करते थे। अलग-अलग इलाकों में पहुंचकर वे रोज ही इस तरह हजारों रुपए जुटा लेते थे।
संस्थाओं पर दर्ज होगी FIR
आयोग अध्यक्ष डॉ राघवेन्द्र शर्मा ने बताया कि जब इन बच्चों की छानबीन कराई तो पता चला उन्हें तीन संस्थाओं ने इस काम में लगाकर रखा है। ये तीनों संस्थाएं इंदौर की हैं, आयोग ने इन पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इनमें से दो संस्थाएं महिला बाल विकास विभाग में पंजीकृत हैं जबकि एक संस्था के पास गुमास्ता लायसेंस है। इन्होंने हॉस्टल के रूप में संस्थाओं का पंजीयन कराया था, दो संस्थाओं में करीब 50-60 बच्चे हैं। इनमें प्रेमराज लोक सेवा समिति, बहुउद्देश्यीय सेवा समिति एवं सपना चौहान जन विकास समिति है।
बच्चों के बयान ले रही पुलिस
बाल आयोग ने इंदौर पुलिस से मामले में छानबीन कर प्रकरण दर्ज करने का आग्रह किया है। इंदौर के जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी संजय भारद्वाज को भी मामले की जांच करने को कहा गया है। भारद्वाज ने बताया कि द्वारकापुरी थाने को मामला सौंपा गया है। बच्चे नाबालिग हैं उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इसके बाद संस्थाओं पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। आयोग अध्यक्ष ने बताया कि संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त कराने की कार्रवाई की जाएगी।