नई दिल्ली। लंबे समय से संतुलित राजनीति कर रहीं उमा भारती ने अंतत: सुर्खियों में आने वाला बयान दे रही दिया। उन्होंने कहा कि जब वो मप्र में सीएम थीं तब उन्होंने रेप के एक आरोपी को उल्टा लटकाकर खाल उधड़वाई, फिर घाव में नमक मिर्च रगड़वाए। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई उन्होंने 2003-04 के बीच की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उमा भारती ने यूपी के आगरा शहर में आयोजित रैली में कहा कि बलात्कारियों को उल्टा लटकाकर तब तक पीटना चाहिए जब तक उनकी खाल ना उधड़ जाए। उमा ने कहा कि इसके बाद उनके घावों पर नमक और मिर्च रगड़ने चाहिए ताकि वे रहम की भीख मांगे। वह बोलीं कि जब वह सीएम थी तो उन्होंने ऐसा ही किया था। उमा भारती ने कहा कि जब ऐसा करने पर एक पुलिस वालों ने आपत्ति जताई तो उन्होंने पुलिस वाले से कहा कि रेपिस्टों के कोई मानवाधिकार नहीं होता है।
रैली को संबोधित करते हुए उमा भारती ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को भी निशाने पर लिया, उन्होंने कहा कि वह पार्टी के लिए वोट तो मांग रही हैं लेकिन रेप पीड़िताओं से मिलने का उनके पास समय नहीं है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान का प्रचार थम गया है, राज्य के 15 जिलों की 73 विधानसभा में 11 फरवरी को मतदान होना है।
क्या सीएम को है इस तरह की सजा देन का अधिकार
भारत के कानून में मुख्यमंत्री या किसी भी संवैधानिक पद पर मौजूद व्यक्ति यहां तक कि न्यायालय तक को इस तरह की तालिबानी सजा देने का अधिकार नहीं है। भारतीय कानून व्यवस्था यह मानती है कि आरोपी को उसका पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए। उसे अपील का अवसर भी मिलना चाहिए। जब पूरी तरह से और बार बार प्रमाणित हो जाऐ कि वही अपराधी है तब दण्ड दिया जाना चाहिए परंतु यह दण्ड सश्रम कारावास से अधिक नहीं हो सकता। माना जाता है कि इस तरह के सजा प्रावधानों से शासक वर्ग निरंकुश हो जाता है और फिर एक दिन ऐसा भी आता है जब वो निर्दोषों की खाल उधेड़ने लगता है। जैसे आरोप उमा भारती पर टीकमगढ़ में लगे थे।