
बात 30 जनवरी 2017 की हो रही है। छतरपुर में केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सड़कों का शिलान्यास करने आए थे। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह भी मौजूद थे। इसी कार्यक्रम में सबसे कम वेतन पर स्कूलों का संचालन कर रहे अतिथि शिक्षक भी पहुंच गए। वो लंबे समय से गुरूजियों की तरह नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। प्रदेश में पद भी खाली हैं।
मंच से जब गड़करी भाषण दे रहे थे, तभी अतिथि शिक्षकों ने अपने बैनर खड़े कर दिए और नारेबाजी करने लगे। माहौल तनावग्रस्त नहीं हुआ था। किसी कौने से हल्की सी आवाजें मंच तक पहुंच रहीं थीं। सीएम उनके प्रतिनिधि मंडल को मिलने के लिए बुला सकते थे। ज्ञापन ले सकते थे परंतु ऐसा नहीं किया। उन्होंने गड़करी को बीच में रोककर अतिथि शिक्षकों को धमकी दी। अहंकारी शब्द यह थे 'मामा को गुस्सा आ गया तो हमेशा के लिए अतिथि ही रह जाओगे।' शिवराज सिंह का यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की याद दिला गया। जब शिक्षाकर्मी आंदोलन कर रहे थे, तब भी ऐसा ही एक बयान आया था। आप खुद देखिए अतिथि शिक्षकों के लिए क्या कहा शिवराज सिंह ने भरे मंच से। हमारे यूट्यूब चैनल रेडसर्कल पर वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें।