नई दिल्ली। तमिलनाडु की 7.5 करोड़ जनता के भाग्य का फैसला करने वाले विधानसभा सदन में आज जमकर हंगामा हुआ। विधायकों ने भारी तोड़फोड़ की। इस दौरान एक अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल दाखिल कराया गया है। सदन के भीतर आपात स्थिति बनी हुई है। स्पीकर सदन छोड़कर चले गए। एक विधायक जाकर स्पीकर की कुर्सी पर बैठ गया। हंगामा पन्नीरसेल्वम के समर्थक विधायकों ने किया।
मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त मिला था परंतु विधायकों में पाला बदली ना हो जाए इसलिए आज ही विशेष सत्र बुला लिया गया। इसी दौरान यह हंगामा शुरू हो गया।
सारी घटना को मीडिया से छुपाने की कोशिश
विधानसभा में जबरदस्त हंगामे के बाद तोड़-फोड़ शुरू हो गई। स्पीकर के सामने वाली टेबल-कुर्सियां तोड़ी गईं। सारी घटना को सार्वजनिक होने से बचाने के लिए तमिलनाडु विधानसभा के प्रेस कक्ष में रखे ऑडियो स्पीकर का कनेक्शन काट दिया गया। पन्नीरसेल्वम ने स्पीकर से मांग की है कि शक्ति परीक्षण से पहले विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों में जाने दिया जाए। लोगों का मन जानने के बाद फ्लोर टेस्ट कराया जाए।
कांग्रेस ने की गुप्त मतदान की मांग
कांग्रेस ने भी गुप्त मतदान की मांग की है। विश्वास मत एक दिन के लिए टालने की DMK की मांग खारिज कर दी गई। स्टालिन ने कहा कि सदन में शक्ति परीक्षण किसी और दिन किया जाना चाहिए, इसके लिए राज्यपाल ने 15 दिन का समय दिया है। स्पीकर ने गुप्त मतदान की मांग खारिज कर दी। विधानसभा परिसर के सभी दरवाजे बंद किए गए। पन्नीरसेल्वम खेमे ने गुप्त मतदान की मांग की है।
एक अधिकारी घायल, स्पीकर की कुर्सी पर बैठा विधायक
विधानसभा में भारी हंगामा के बाद एक घायल अधिकारी को अस्पताल ले जाया गया। विधानसभा की कार्यवाही अस्थायी रूप से भारी हंगामे के बाद रोक दी गई है। पलानीस्वामी और सीनियर मंत्रियों के बीच बैठक शुरू हो गई है। डीएमके के विधायक कु का सेल्वम विरोध में स्पीकर की कुर्सी पर जा बैठे। हंगामे के बाद स्पीकर विधानसभा से बाहर निकल गए।
यहां से हुई शुरूआत
विधानसभा गेट पर स्टालिन की गाड़ी की तलाशी ली गई जिससे डीएमके विधायक नाराज हो गए। कांग्रेस ने पलानीस्वामी के खिलाफ वोटिंग का औपचारिक ऐलान किया। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन भी विधानसभा पहुंचे। बीवी ने बयान दिया कि 'ये नहीं कहा जा सकता कि अपनी मर्जी से वोट करेंगे शशिकला खेमे के विधायक। आचार्य, शशिकला के खिलाफ आय से अधिक मामले में सरकारी वकील थे। ससिकला के सभी विधायक 30 कारों का काफिला बनाकर एक साथ आए थे।
क्या कहता है अंक गणित?
तमिलनाडु विधानसभा में कुल 235 सदस्य हैं। शशिकला के समर्थक विधायकों की अगुवाई कर रहे पलानीस्वामी को कुर्सी बचाने के लिए 118 सदस्यों के समर्थन की जरुरत है लेकिन जयललिता की सीट फिलहाल खाली है और बीमार चल रहे डीएमके नेता करुणानिधि के सत्र में शामिल होने की उम्मीद कम है। यानी बहुमत का जादुई आंकड़ा घटकर 117 हो गया है। पलानीस्वामी खेमा शुक्रवार तक पार्टी के कुल 134 विधायकों में से 124 के समर्थन का दावा कर रहा था लेकिन पार्टी विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी आर. नटराज के पाला बदलकर पन्नीरसेल्वम खेमे में जुड़ने के बाद ये संख्या 123 रह गई है।