40 से ज्यादा उम्र वाले लोग एंबेसडर कार का जलवा जानते हैं। भारत के राष्ट्रपति से लेकर हर VVIP के पास यही कार हुआ करती थी। इस कार की खासियत थी कि यह सबसे आरामदायक कार थी। हालात यह थे कि हर एंबेसडर कार को वीवीआईपी ही माना जाता था, चाहे उसके ऊपर लालबत्ती लगी हो या नहीं। एंबेसडर है तो वीआईपी ही होगी। लेकिन अब यह कार सड़कों पर नजर तक नहीं आती। SUV ने एंबेसडर को कुचलकर रख दिया। परंतु जल्द ही एंबेसडर फिर सड़कों पर जलवा दिखाएगी। EUROPEAN AUTOMOBILE COMPANY PEUGEOT ने एंबेसडर ब्रांड को 80 करोड़ रुपए में खरीद लिया है। CK BIRLA GROUP की कंपनी (HINDUSTAN MOTORS) ने इस बारे में PEUGEOT SA के साथ करार किया है। अगले साल तक यह कार लक्झरी लुक लेकर फिर सड़कों पर नजर आएगी।
हिंदुस्तान मोटर्स ने शनिवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा, ‘हिंदुस्तान मोटर्स ने एंबेसडर ब्रांड की बिक्री के लिए प्यूजो एसए से करार किया है। इसमें ट्रेडमार्क भी शामिल है। यह सौदा 80 करोड़ रुपए में हुआ है। पिछले महीने प्यूजो एसए ने भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए सीके बिड़ला समूह के साथ डील की थी। इसके तहत, शुरुआत में करीब 700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना है। इस रकम से तमिलनाडु में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट में हर साल 1 लाख वाहन बनाने की तैयारी है।
पीएसए समूह तीन ब्रांड प्यूजो, सिट्रॉन और डीएस के जरिए वाहन बेचता है। यह समूह पहले प्रीमियर ग्रुप के साथ भारत में साझेदारी की नाकाम कोशिश कर चुका है। साल 2001 में दोनों कंपनियों का ज्वाइंट वेंचर प्यूजो पीएएल खत्म हो गया था। प्यूजो एसए और सीके बिड़ला समूह मिलकर इंडियन ऑटो मार्केंट में अपनी दबदबा बनाना चाहते हैं। अनुमान है कि साल 2025 तक भारत में 80 लाख से एक करोड़ कार बनने लगेंगे। साल 2016 में यह आंकड़ा 30 लाख के करीब है।